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Vachya | वाच्य
” CBSE Class 10 vachya | Vachya parivartan | vachya ke kitne bhed hote hain “
vachya ” वाच्य ” उस मूल रचना को कहते हैं जिससे यह पता चले कि कार्य को करने वाला कौन है, अर्थात कार्य के करने का फल किसपर है। वाच्य से यह पता चलता है कि कार्य को करने वाला “कर्ता” है या “कर्म” है या कोई और घटक । जैसे –
- रोहन सब्जी बेच रहा है ।
- सब्जियां बेचीं जा रही थी ।
- अब और दर्द सहा नहीं जाता।
वाक्य (1) में ‘ बेच रहा है ‘ क्रिया पद रोहन के बारे में बता रहा है । ‘ रोहन ‘ कर्ता है , और उसके बारे में बताने वाला क्रिया पद ‘ बेच रहा है ‘ है । अतः यह सम्पूर्ण वाक्य कर्तृ वाच्य में है, क्योकि इस वाक्य का लक्ष्य कर्ता है।
वाक्य (2) में ” बेचीं जा रही थी” क्रिया पद का लक्ष्य बेचने वाले व्यक्ति के बारे में बताना नहीं था बल्कि क्या बेचा जा रहा है यह बताना था, अर्थात ‘कर्म’ को दर्शाना था । इसी कारण सम्पूर्ण वाक्य कर्म वाच्य कहलायेगा । क्योकि कर्म ‘सब्जियां ‘ क्रिया का कथ्य है।
वाक्य (3) में “सहा नहीं जाता ” क्रिया के साथ कर्म नहीं आ रहा है और न ही आ सकता है , क्योकि यहाँ तो भाव की प्रधानता है। इसलिए ऐसे वाक्य को भाववाच्य कहते हैं।
अतः हम कह सकते हैं , कि वाच्य उस रूप रचना को कहते हैं, जिससे यह पता चलता है कि क्रिया को मूल रूप से चलने वाला ( नियंत्रित / अधिशासित करने वाला ) कर्ता है या कर्म है ( क्रिया से कर्ता का सम्बन्ध है अथवा कर्म का अथवा भाव की प्रधानता है। )
वाच्य “vachya” के भेद
वाच्य के कितने भेद होते हैं ?
हिंदी में मुख्या रूप से दो वाच्य हैं। १। कर्तृ वाच्य २। अकर्तृ वाच्य । और कर्तृ वाच्य के अंतर्गत दो वाच्य आते है – (क) कर्म वाच्य (ख) भाव वाच्य
वाच्य ( Voice) | |
1.कर्तृ वाच्य ( Active voice ) | |
2. अकर्तृ वाच्य ( Passive voice) | i.कर्म वाच्य |
ii.भाव वाच्य |
कुछ विद्वानों का मानना है कि वाच्य के तीन भेद होते हैं –
- कर्तृ वाच्य
- कर्म वाच्य
- भाव वाच्य
सम्पूर्ण वाक्य का परिचय पढ़े – click here
Vachya- कर्तृ वाच्य
कर्तृ वाच्य क्या है ?
जिन वाक्यों में कर्ता की प्रधानता होती है, उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं । कर्तृ वाच्य में सकर्मक तथा अकर्मक दोनों ही प्रकार की क्रियाएँ हो सकती है । कर्तृ वाच्य में कर्ता प्रमुख होता है तथा कर्म गौण होता है; जैसे–
- रोहन नहा लिया है । (अकर्मक क्रिया)
- बच्चा सो रहा है। (अकर्मक क्रिया) )
- जोकर हँसा (अकर्मक क्रिया)
- बच्चा दूध पी रहा है। (सकर्मक किया )
- नौकर काम कर रहा है। (सकर्मक क्रिया)
- राधा में खाना पकाया। (सकर्मक क्रिया)
- सीता कक्षा में बैठी है। ( सकर्मक क्रिया )
- मोहन ने मेज तोड़ दिया । ( सकर्मक क्रिया )
- डाकिया आ रहा है । ( अकर्मक क्रिया )
- भोजन पक गया । ( अकर्मक क्रिया )
Vachya – अकर्तृवाच्य
जिन वाक्यों में कर्ता गौण होता है अथवा लुप्त होता है, उसे अकर्तृवाच्य कहते हैं। अकर्तृवाच्य के दो प्रमुख भेद या प्रकार है (क) कर्मवाच्य (ख) भाववाच्य ।
(क) कर्मवाच्य
कर्म वाच्य क्या है ?
‘कर्म वाच्य में कर्म की प्रधानता होती है। इस कारण से वाक्य में या तो कर्ता का लोप हो जाता है या कर्ता के बाद ‘के द्वारा’, ‘द्वारा’ या ‘से’ का प्रयोग होता है। जैसे-
- दीपावली अक्टूबर या नवंबर में मनाई जाती है। (कर्ता का लोप)
- आपका काम कर दिया गया है।(कर्ता का लोप)
- मोहन के द्वारा किताब पढ़ी गई। ( कर्ता + के द्वारा)
- मीरा द्वारा खाना पकाया गया |( कर्ता + द्वारा)
- मोहन से यह कुर्सी टूट गई। ( कर्ता + से )
मूल बातें – 1
कर्म वाच्य में यह आवश्यक है कि इसमें –
- कर्ताका या तो लोप होता है या कर्ता के साथ के द्वारा, द्वारा या से का प्रयोग होता है।
- कर्म वाच्य में केवल सकर्मक क्रियाएँ की प्रयुक्त होती हैं। कर्म प्रमुख होता है।
- कर्मवाच्य में मुख्य क्रिया के कर्म के अनुसार भूतकालिक रूप के साथ (मूल वाक्य के काल के अनुसार ‘जाना’ क्रिया का प्रयोग होता है, जैसे-
- राम के द्वारा रावण भारा गया था।
- मोहन के द्वारा किताब पढ़ी जाती है।
- मोहन के द्वारा किताब पढ़ी जा रही है।
- मोहन के द्वारा किताब पढ़ी जाएगी।
- मोहन के द्वारा किताब पढ़ी गई ।
- बच्चे से गिलास टूट गया ।
मूल बातें – 2
कर्मवाच्य रचना में असमर्थता सूचक वाक्य भी आते हैं, लेकिन इन वाक्यों में कर्ता के साथ ‘के द्वारा” या ‘द्वारा’ के स्थान पर प्रायः से परसर्ग का प्रयोग होता है। इसमें भी सकर्मक क्रिया ही प्रयुक्त होती है । ये असमर्थता सूचक वाक्य केवल निषेधात्मक रूप में प्रयुक्त होते हैं तथा कर्ता की असमर्थता को सूचित करते हैं, जैसे-
- नहीं यह दरवाजा खोला जाता ।
- उस यह किताब नहीं पढ़ी जाती ।
- मोहन से खाना नहीं खाया जाता ।
- राधा से खाना नहीं पकाया जाता |
हिंदी में क्रिया का एक ऐसा रूप भी है, जो कर्मवाच्य की तरह प्रयुक्त होता है। क्रिया का यह रूप है सकर्मक क्रिया से बना इसका अकर्मक रूप है जिसे ‘व्युत्पन्न अकर्मक क्रिया रूप‘ कहते हैं, जैसे –
- काटना – कटना
- लूटना – लुटना
- बेचना – बिकना
- खोलना – खुलना
- तोड़ना- टूटना
- पकाना- पकना
- जलाना – जलना
- मिलाना – मिलना
- धोना – धुलना
- फोड़ना – फूटना
(क) दरवाजा खुल गया। (खोलना – खुलना )
(ख) कुर्सी टूट गई। (तोड़ना- टूटना)
(ग) किताब फटा गई । ( फाड़ना – फटना )
(घ) खाना पक गया। ( पकाना – पकना )
(ङ) सब्जी बिक गई । ( बेचना – बिकना )
(घ) पेड़ कट गया । ( काटना – कटना)
(छ) लकड़ी जल गई। ( जलाना – जलना )
(ज) दूध में चीनी मिल गई। ( मिलाना -मिलना)
(झ) कपड़े धुल गए। ( धोना – धुलना )
(ख) भाव वाच्य
भाव वाच्य क्या है ?
भाव वाच्य में भाव की प्रधानता होती है। इसमें वक्ता काकाथ्यू बिंदु (कही गई बात) क्रिया से प्रकट होता है। भाव वाच्य में केवल अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है; जैसे-
- अब चला आए ।
- घोड़ी देर सोलिया जाए |
- मुझसे पला नहीं जाता |
- उससे बैठा नहीं जाता |
- मोहन से दौड़ा नहीं गया।
- सर्दियों में जल्दी नहीं उठा जाता ।
- हमसे अब इतना कष्ट सहा नहीं जाना ।
- उठो, जरा घूमा जाए।
- अब प्रस्थान किया जाये ।
- इतनी ठंडी नहीं सही जाती ।
मुख्य बातें –
- भाव वाच्य में हमेशा ही विवशता या असमर्थता को दर्शाया जाता है । इसलिए इन वाक्यों में ” नहीं ” का प्रयोग किया जाता है। जैसे – मुझसे दर्द सहा नहीं जाता ।
- जहाँ ‘ नहीं ‘ का प्रयोग नहीं होता , वहां मूल में कर्ता सामान्य होता है। जैसे – अब सोया जाये ।
- भाव वाच्य में क्रिया हमेशा अन्य पुरुष , पुल्लिंग , एकवचन में रहती है।
वाच्य परिवर्तन के नियम –
कर्तृ वाच्य से कर्म वाच्य – Active voice to Passive voice
- कर्तृ वाच्य में विभक्ति का लोप हो जाता है अर्थात विभक्ति हटा दी जाती है और उसके स्थान पर ‘से ‘ या ‘के द्वारा’ लगाई जाती है।
- कर्म के साथ लगी विभक्ति भी हट जाती है।
- कर्तृ वाच्य में मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदला जाता है और ‘ जाना ‘ क्रिया को सठिक तरह से उपयोग किया जाता है।
उदहारण –
- राधिका ने खाना बनाया ( कर्तृ वाच्य ) – राधिका के द्वारा खाना बनाया गया। ( कर्म वाच्य )
- माँ ने दूध पिलाया । ( कर्तृ वाच्य ) – माँ के द्वारा दूध पिलाया गया । ( कर्म वाच्य )
- रोहन कार चलाता है। ( कर्तृ वाच्य ) – रोहन के द्वारा कार चलाया जाता है । ( कर्म वाच्य )
- मोहन ने कहानी पढ़ी। ( कर्तृ वाच्य ) – मोहन के द्वारा कहानी पढ़ी गई। ( कर्म वाच्य )
- वाल्मीकि ने रामायण लिखी। ( कर्तृ वाच्य ) – वाल्मीकि के द्वारा रामायण लिखी गई ( कर्म वाच्य)
2.कर्म वाच्य से कर्तृ वाच्य – Passive voice to Active voice
- कर्म वाच्य में लगाए गए ” से ” या ” के द्वारा” विभक्ति का लोप कर दिया जाता है। ताकि क्रिया का फल सीधे कर्ता पर पढ़े ।
- कर्ता के साथ ‘ से ‘ विभक्ति चिन्ह लगाया जाता है।
- कर्ता के साथ ‘ ने ‘ विभक्ति लगाते ही क्रिया सीधे कर्ता पर आश्रित हो जाता है।
उदहारण –
- रोगी द्वारा सुई लगवाई गई। ( कर्म वाच्य ) – रोगी ने सुई लगवाई । ( कर्तृ वाच्य )
- सेना के द्वारा दुश्मनो को रोका गया। ( कर्म वाच्य ) – सेना ने दुश्मनो को रोका। ( कर्तृ वाच्य )
- दुकानदार द्वारा तेल बेचा जाता है। ( कर्म वाच्य ) – दुकानदार ने तेल बेचा। ( कर्तृ वाच्य )
- छात्रों द्वारा गृह कार्य किया गया। ( कर्म वाच्य )- छात्रों ने कार्य किया । ( कर्तृ वाच्य )
- रोहन के द्वारा गाड़ी रोकी गई। ( कर्म वाच्य ) – रोहन द्वारा गाड़ी रोकी गई। ( कर्तृ वाच्य )
3. कर्तृ वाच्य से भाववाच्य – Active voice to Impersonal voice
- कर्ता के साथ ‘से ‘ विभक्ति का प्रयोग किआ जाता है।
- क्रिया को सामान्य भूतकाल में रखें ।
- क्रिया में काल के अनुसार ” जाना ” क्रिया को जोड़ा जाता है।
- क्रिया को हमेशा एकवचन , पुल्लिंग और अन्य पुरुष में रखा जाता है।
- भाववाच्य अधिकांशतः निषेध वाचक वाक्य ही होते हैं। यानि नहीं का प्रयोग किआ जाता है।
उदहारण –
- रोहन नहीं खेल रहा है। ( कर्तृ वाच्य ) – रोहन से खेला नहीं जाता । ( भाव वाच्य )
- चिड़िया नहीं खाती। ( कर्तृ वाच्य ) – चिड़िया से खाया नहीं जाता । ( भाव वाच्य )
- सीता मुस्काई । ( कर्तृ वाच्य ) – सीता से मुस्कुराया गया। ( भाव वाच्य )
- मैं चल नहीं सकता। ( कर्तृ वाच्य ) – मुझसे चला नहीं जाता । ( भाव वाच्य )
- सैनिक नहीं डरा । ( कर्तृ वाच्य ) – सैनिक से डरा नहीं गया । ( भाव वाच्य )
अभ्यास के लिए प्रश्न – CBSE QUESTION PRACTICE – CLASS – 10
वाच्य बदलिए –
- मुझसे गलती हो गई।
- राम अभी नहीं सोया ।
- मजदूरों में एक साल में यह पुल तैयार किया।
- बच्चे से गिलास टूट गया ।
- मुझसे दौड़ा नहीं जाता।
- अध्यापक द्वारा पाठ पढ़ाया गया।
- मजदूरों द्वारा काम किया आ रहा है।
- बच्चों द्वारा पतंग उड़ाई जा रही है।
- नानी कहानी सुनाती थी।
- आप पत्र भेजिए।
- अब भोजन कीजिए ।
- छात्र पुस्तक पढ़ रहे हैं।
- मजदूर पेड़ नहीं काट रहे हैं।
- बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए नाव खरीदी गई ।
- अध्यापक हमें पढ़ाते हैं।
- मैं कहानी पढ़ सकता हूँ।
- सीता खूब रोई।
- रमेश क्रिकेट खेलता है।
- मैं रोज टहलने जाता हूँ।
- बच्चा सुबह दूध पीता है।
- उसने पत्र लिखा।
- छात्र पढ़ेंगे ।
- राजीव कविता लिखता है।
- पक्षी आकाश में उड़ते है।
- खाना कहीं खा लेंगे।
- मैं छत पर नहीं चढ़ सकता।
- आओ, वहां बैठें।
- चलो, घूमने चलते हैं।
- रोहन रोज अख़बार पढ़ता है।
- क्रांतिकारिओं की शहादत को आज भी याद करते हैं।