HINDI VYAKARAN

प्रिय पाठकगण हिंदी व्याकरण ( HINDI VYAKARAN) के इस ब्लॉग में आप हिंदी के सम्पूर्ण व्याकरण सम्बन्धी जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। जीवन के लिए भाषा और भाषा के लिए व्याकरण निर्विवाद रूप से महत्वपूर्ण है । जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जिस प्रकार अनुसासन का विशेष महत्व है, उसी प्रकार भाषा में भी व्याकरणरूपी अनुसासन उतना ही महत्व रखता है ।

HINDI-VYAKARAN

व्याकरण भाषा को प्रांजल रूप प्रदान करता है। शुद्ध अवं सठिक भाषा के प्रयोग से व्यक्ति जन सामान्य अवं शिक्षित समाज दोनों में ही प्रशंसा का पात्र बनता है। 

व्याकरण भाषा को सजाती – संवारती और उस में निखार लाती है। यह निर्विवाद सत्य है कि व्याकरण का अंकुश न हो तो भाषा अनियंत्रित हो जाएगी। प्रारम्भ से ही हमारी हिंदी को व्याकरण की परिसीमाओं में मर्यादित रखते हुए विकसित करने के प्रयास होते रहे हैं। 

मेरा भी आंशिक प्रयास है कि व्याकरण पाठकों के लिए सरल बनाया जाये। इसी लक्ष्य को ध्यान रखते हुए मैंने हिंदी व्याकरण को सुबोध रूप देने की कोशिस की है।

हिंदी व्याकरण परिचय

हमारे दैनिक जीवन में भाषा का काफी प्रयोग होता है। इसके अभाव में हम अपनी कोई भी बात किसी के भी सामने प्रकट नहीं कर सकते। समाज और मनुष्य दोनों के लिए भाषा की महत्ता होती है। भाषा को दो भागों में विभक्त किया गया है- प्रथम मौखिक और द्वितीय लिखित ।

इन दोनों ही प्रकार की भाषाओं का हमारे जीवन में अत्यंत महत्त्व है। भारत में अनेकों प्रकार की भाषाओं का प्रयोग करने वाले नागरिक हैं, लेकिन भाषा की जो आंतरिक गूढ़ता और संरचना को बहुत ही कम लोग समझ पाते हैं।

किसी भी भाषा को व्यवस्थित करने के लिए उस भाषा की व्यवस्था का क्रम होना अनिवार्य माना गया है। किसी भी प्रकार की भाषा का एक व्याकरण रूप होना अनिवार्य होता है। HINDI VYAKARAN व्याकरण के माध्यम से भाषा के अलग-अलग अवयवों के उचित संयोजन से ही भाषा की उचित व्यवस्था बनती है।

भाषा का अध्ययन करने के लिए आधुनिक भाषा विज्ञान में अनेकों प्रकार की शाखाएँ बन चुकी हैं। भाषा के स्वरूप को भाषा की इकाइयों से निर्मित किया जाता है। किसी भी प्रकार की भाषा को व्याकरण के बिना उचित रूप देना सहज नहीं होता। इसीलिए संरचनात्मक इकाइयों को मानक व्याकरण का आधार माना जाता है।

HINDI VYAKARAN भाषा का जो भी मौखिक रूप होता है, वह पूर्णत: वैविध्यपूर्ण होता है, किन्तु उसका लिखित रूप एकरूपी होता है। लिखित और मौखिक भाषा के जिस-जिस विकल्प को हम भाषा संबंधी उदासीनता के कारण देख नहीं पाते, उसे हम भाषा संबंधी इकाइयों के द्वारा सम्पूर्ण रूप से देख सकने में समर्थ हो सकते हैं। यदि हमें संरचनात्मक इकाइयों की समस् जानकारी होगी, तो हम भाषा के किसी भी रूप को पूर्णरूपेण पहचान सकते हैं।


सम्पूर्ण हिंदी व्याकरण

 

विषय सूची
1- भाषा की ध्वनि व्यवस्था
२। हिंदी में वाक्य व्यवस्था 
३। हिंदी पदबंध
४। कारक
५। देवनागरी लिपि
६। हिंदी बाराखड़ी 
७। विलोम शब्द 
८। मुहावरे
९। पर्यायवाची शब्द
१०। ध्वनि परिचय 
११। लिंग परिचय
१२। संज्ञा परिचय 
१३। क्रिया परिचय 
१४। उपवाक्य का सम्पूर्ण परिचय 
१५। समास
१६। अलंकार

 

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