Paryayvachi Shabd

पर्यायवाची शब्द , प्रत्येक भाषा में अनेक शब्द ऐसे होते हैं जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं। वे शब्द प्रसंग बदलने पर अलग-अलग अर्थ देते हैं, इन्ही शब्दों को पर्यायवाची शब्द ( paryayvachi shabd ) कहते हैं।  जैसे -‘कल ‘ शब्द के अर्थ – पिछला दिन, अगला दिन, शोर मशीन, सुंदर आदि।


paryayvachi shabd in hindi

हिंदी में प्रयुक्त होने वाले कुछ पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द निम्नलिखित हैं

paryayvachi shabd

 

  1. अंक-संख्या, गोद, अध्याय, चिह्न, नाटक का अंक।
  2. अंबर– आकाश, वस्त्र, कपास
  3. अक्षर-नष्ट न होने वाला, ईश्वर, वर्ण
  4. अज-ब्रह्मा, शिव, बकरा, अजन्मा।
  5. अदृष्ट– भाग्य, गुप्त, जो देखा न गया हो।
  6. अधर-अंतरिक्ष, निचला होठ, धरती और आसमान के मध्य ।
  7. अनंत-ईश्वर, आकाश, विष्णु, शेषनाग, असीम, अविनाशी ।
  8. अपवाद – निंदा, कलंक, नियम के विरुद्ध ।
  9. अपेक्षा– आवश्यकता, तुलना, आशा।
  10. अब्ज– शंख, कमल, कपूर, चंद्रमा
  11. अब्धि-सरोवर, समुद्र ।
  12. अभिजात-कुलीन, मनोहर, पूज्य
  13. अमर– शाश्वत, देवता।
  14. अरुण-सूर्य का सारथि, प्रातःकालीन सूर्य, सिंदूर, लाल।
  15. अर्क-सूर्य, आक, रस। अर्थ- धन, व्याख्या, उद्देश्य
  16. अलि-भँवरा, कोयल, सखी।
  17. अवकाश-बीच का समय, अवसर, छुट्टी।
  18. अवधि-सीमा, निर्धारित समय।
  19. आतुर – विकल, रोगी, उत्सुक।
  20. आदि – प्रारंभ, वगैरह।
  21. आम-एक फल, सामान्य।
  22.  आराम – सुख-चैन, बगीचा ।
  23. आली– सखी, पंक्ति।
  24. उत्तर– जवाब, उत्तर दिशा ।
  25. उत्सर्ग-त्याग, दान, समाप्ति।
  26. उपचार– उपाय, सेवा, इलाज।
  27. कक्ष– बगल, कमरा ।
  28. कक्षा-परिधि, समूह, छात्रों का समूह |
  29. कनक– सोना, धतूरा, गेहूँ।
  30. कर– हाथ, किरण, हाथी की सूंड , टैक्स, ‘करना’ क्रिया का आज्ञार्थक रूप
  31. कल-चैन, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन, मशीन, आराम,शोर।
  32. कला– एक विषय, गुण, युक्ति, तरीका।
  33. काम– इच्छा, कामदेव, कार्य, वासना।
  34. कार-मोटर कार्य करने वाला।
  35. काल-समय, मृत्यु |
  36. कुंजर– हाथी, बाल।
  37. कुंडल-कान का आभूषण, साँप की गेंडुरी ।
  38. कुटिल – टेढ़ा, घुघराला, कपटी।
  39. कुंडली-जन्मकुंडली, कुंडलिनी, जलेबी, इँडुरी।
  40. कुल– सब, वंश, घर, गोत्र ।
  41. कुशल – चतुर, सुखी, सुरक्षित।
  42. कृष्ण– काला, श्रीकृष्ण ,पंद्रह दिनों का पक्ष
  43. कोष – खज़ाना, फूल का भीतरी भाग।
  44. खग-पक्षी, आकाश |
  45. खर – तेज, गधा।
  46. खेचर– देवता, ग्रह, पक्षी।
  47. गण– समूह, भूत-प्रेत, तीन वर्णों का समूह (छंद-शास्त्र) ।
  48. गति– चाल, दिशा, मोक्ष।
  49. गुण -रस्सी स्वभाव, कौशल, रज-सत-तम गुण।
  50.  गुरु – श्रेष्ठ, भारी, बड़ा, दो मात्राओं वाला वर्ण, कठिनता से पचने वाला, शिक्षक।
  51.  गौ– गाय, पृथ्वी, इंद्रियाँ।
  52. ग्रहण -लेना, सूर्य-चंद्र ग्रहण, दोष
  53. घट-घड़ा, हृदय, कम ,शरीर।
  54. घन– बादल, घटा, भारी, बड़ा हथौड़ा।
  55. चपला– लक्ष्मी, बिजली।
  56. चर– खा, घूम
  57.  चाल-चलना, गति, युक्ति, षड्यंत्र ।
  58. चीर-वस्त्र, रेखा, पट्टी, चीरना।
  59. जड़-अचेतन, मूर्ख, वृक्ष का मूल
  60. .जलधर-बादल, समुद्र
  61.  जवान– सैनिक, योद्धा, वीर, युवक।
  62.  जान– प्राण, पहचान, ज्ञान।
  63.  जीवन-वायु, प्राण, जिंदगी, जल।
  64. टाल-अवहेलना, लकड़ी की दुकान।
  65.  ठन-सज़, अकड़
  66.  ठाकुर-देवता, स्वामी, क्षत्रिय, ईश्वर
  67.  डाल– फेंक, डाली।
  68.  ढाल– कवच, मोड़ना ।
  69.  तन-अकड़, शरीर।
  70.  तप -साधना, गर्मी, अग्नि, धूप। तात- पिता, भाई, पूज्य
  71.  तान– खींच, लय ।
  72.  तार-उद्धार, तारघर का तार, लोहे का तार, चासनी का तार
  73.  तारा -नक्षत्र, आँखों की पुतली। तीर- किनारा, बाण।
  74.  ताल-तालाब, संगीत की थाप
  75.  दंड-डंडा, सजा, व्यायाम का प्रकार, डंठल दक्षिण- दाहिना, अनुकूल, दक्षिण दिशा।
  76.  दर्शन– देखना, नेत्र, आकृति, दर्शनशास्त्र ।
  77.  दल -समूह, सेना, पत्ता।
  78.  द्विज– दाँत, ब्राह्मण, पक्षी।
  79.  धन– सकारात्मक वित्त ।
  80. धारणा– विचार, बुद्धि, समझ, विश्वास, मन की स्थिरता।
  81.  नग-पर्वत, नगीना ।
  82.  नव-नया, नौ ।
  83.  नाक- नासिका, स्वर्ग।
  84.  नाग– साँप, हाथी ।
  85. नायक– नेता, मार्गदर्शक, सेनापति, नाटक का मुख्य पात्र ।
  86. नाला -रस्सी, बड़ी नाली।
  87. निगम -प्रशासकीय समूह, वेद, मार्ग।
  88.  निशान-चिह्न, ध्वजा, डंका।
  89.  पक्ष– पंख, तरफ, सहायक, दो सप्ताह
  90.  पट-द्वार, कपड़ा, पर्दा।
  91.  पतंग-सूर्य, एक कीड़ा, उड़ाई जाने वाली गुड़िया।
  92. पत्र– चिट्ठी, पत्ता, समाचार पत्र, पन्ना।
  93. पद– चरण, शब्द,ओहदा, कविता की पंक्ति, दर्जा।
  94.  पय -दूध, पानी अमृत
  95.  पर– पंख , परंतु
  96.  पल-क्षण, बढ़ा होना।
  97. पान-पीना, एक खाद्य पदार्थ
  98. पानी-जल, मान, चमक
  99. पाला -मैदान का क्षेत्र, पालना।
  100. फल– परिणाम, धार, लाभ, खाद्य पदार्थ
  101. भव-संसार, उत्पत्ति शंकर
  102. भेद– प्रकार, रहस्य फूट, भिन्नता तात्पर्य
  103. भोग– खाना, प्रारब्ध, सुख-दुख का अनुभव
  104. मान-मूल्य, मानना।
  105. मित्र-सूर्य, दोस्त।
  106. रंग– वर्ण, दशा, प्रेम, नृत्य अभिनय का स्थान
  107. पाक-पवित्र, भोजन।
  108. पाल-नाव का कपड़ा, पालना।
  109. पूर्व- पहले एक दिशा का नाम।
  110. पृष्ठ-पन्ना, पीठ पीछे का भाग, सतह
  111. प्रकृति – कुदरत स्वभाव मूलावस्था प्रसाद कृपा, अनुग्रह, हर्ष
  112.  बल- शक्ति सिकुड़ना
  113. बान-आदत , बाण
  114. बाल -केश, बच्चा।
  115. भाग -भागना, बाँटना, हिस्सा।
  116. भूत -बीता हुआ, प्राणी, प्रेत
  117. भूति-नौकरी मजदूरी वेतन, मूल्य वृत्ति।
  118. मत -राय, संप्रदाय, निषेध (न)|
  119. मधु-शहद, मदिरा, वसंत, मीठा
  120. मल-गंदगी, मलना, रगड़
  121. मार-पीट , कामदेव।
  122. मुद्रा – मोहर, सिक्का, मुख का भाव, छाया।
  123. योग– जोड़, व्यायाम, मेल, ध्यान
  124. रच– लिख, बसना।
  125. रस -स्वाद, सार, आनंद, प्रेम, फलों का निचोड़
  126. राग-प्रेम, गाने का राग।
  127. राशि -धन, समूह, मेष- तुला आदि राशियाँ।
  128. रास– आनंद, नृत्य
  129. लक्ष्मी-धन-संपत्ति, विष्णु पत्नी, शोभा
  130. लक्ष्य -उद्देश्य निशाना।
  131. लय– डूबना मिलना, स्वरों का उठना गिरना।
  132. लाल– एक रंग, पुत्र।
  133.  वंश-कुल, बाँस, जाति।
  134.  वर– अच्छा, पति, दूल्हा ।
  135.  वर्ण-रंग, अक्षर, जाति ।
  136.  वार- दिन, आक्रमण, प्रहार।
  137.  विजया– दुर्गा, भाँग ।
  138.  विधायक– निर्माता, विधानसभा सदस्य ।
  139. विधि-ब्रह्मा, रीति, कानून।
  140. विषम– कठिन, भयंकर, जो सम न हो।
  141. विषय– भोग-विलास, जिसके बारे में कुछ कहा जाए, मज़मून।
  142. वृत्ति- पेशा, छात्रवृत्ति, कार्य, स्वभाव, नीयत।
  143. व्याज- छल, बहाना, सूद।
  144. शान-सम्मान, चमक, धार।
  145. शाम– सायं, कृष्ण।
  146. शाल-वृक्ष, ओढ़ने का गर्म वस्त्र ।
  147. शिखी-मोर, पर्वत, अग्नि।
  148. शेष -बचा हुआ, शेषनाग ।
  149. श्यामा – राधा, यमुना, काले रंग की गाय, स्त्री, रात, कोयल।
  150. श्री- लक्ष्मी, सरस्वती, संपत्ति, शोभा, कांति, धन।
  151. श्रुति– वेद, कान।
  152. संज्ञा– नाम, चेतना।
  153.  सारंग- मोर, साँप, बादल, मृग, पपीहा, हंस, कोयल, कामदेव।
  154. सार– बल, लोहा, तत्त्व, निष्कर्ष।
  155. साल– एक पेड़, वर्ष, दुख, कचोट।
  156.  सिल- पत्थर, सिया होना।
  157.  सूत -धागा, सारथी।
  158.  सोना– शयन, स्वर्ण हर- शिव, हर लेना।
  159.  हरि -विष्णु, सूर्य, इंद्र, सिंह, सर्प
  160.  हल -समाधान खेत जोतने का यंत्र
  161.  हार-पराजय, माला।
  162.  हाल-दशा, बड़ा कमरा
  163. पेड़ – विटप , पादप, तरु , वृक्ष

paryayvachi shabd या समानार्थी शब्द के विभिन्न शब्दों को आपने देखा। ये शब्द वाक्य की सुंदरता को बढ़ा देते हैं। ये हिंदी देवनागरी लिपि के अभिन्न अंग है । इससे देवनागरी भाषा अलंकृत हो जाती है।

Leave a Comment