Letter writing in Hindi

Letter writing in Hindi

पत्र लेखन | Patra lekhan in Hindi  |  हिंदी 

मनुष्य के जीवन में पत्र लेखन की बड़ी उपयोगिता है। मन के विचारों को व्यक्त करने का पत्र उत्तम साधन हैं। पत्र से हम आन्तरिक विचारों की अभिव्यक्ति सरलता से करते हैं। देखा गया है कि हम संकोचवश जिन बातों को कह नहीं सकते, उन्हें पत्र में लिख कर आसानी से भेजा जा सकता है। Letter writing in hindi के इस ब्लॉग में हम पत्र लेखन के महत्त्व तथा इसके विभिन्न आयामों को देखेंगे। देवनागरी लिपि में इसे बेहद ही खूबसूरत ढंग से समझा जा सकता है।

इस प्रकार पत्र लेखन ( patra lekhan )  का हमारे जीवन के साथ गहरा सम्बन्ध है। न केवल व्यक्तिगत सम्बन्धों में ही बल्कि व्यापार और व्यवसाय में पत्र मनुष्य के सहायक सिद्ध होते हैं।

अत: जीवन में सफलता के लिए अच्छे एवं प्रभावशाली पत्र लिखना अत्यावश्यक | है। पत्र लिखना भी एक कला है और अच्छे पत्र लिखने के लिए अनेक बातें ध्यान में रखने होती हैं।

 अच्छे पत्र के लिए कुछ आवश्यक गुण इस प्रकार हैं- Letter writing in Hindi

  1.  पत्र सरल व स्वाभाविक भाषा और शैली में हो, जिससे पत्र पढ़ने वाले को सारी बात अच्छी तरह समझ आ जाये उसे ऐसा लगे मानो पत्र लेखक खुद उसके सामने बैठा है।
  2. न तो पत्र में अनावश्यक विस्तार और न ही बहुत छोटा हो।
  3. पत्र ऐसा हो कि वहअपनी पूरी बात कह सके।
  4. पत्र की शुरूआत सही अभिवादन और सम्बोधन से होनी चाहिए।
  5. घरेलू पत्रों की शुरूआत कुशलसमाचार से होनी चाहिए। सरकारी व व्यापारिक पत्रों के लिए इसकी कोई जरूरत नहीं होती।

 पत्रों के प्रकार- Types of Hindi letter 

 वैसे तो ये कई प्रकार के हो सकते हैं, परन्तु मोटे तौर पर इन्हें निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

१। व्यक्तिगत  पत्र अनौपचारिक पत्र Anopcharik patra , Informal letter in Hindi

  1. धन्यवाद पत्र
  2. बधाई पत्र
  3. शुभकामना पत्र 
  4. संवेदना पत्र
  5. अन्य विविध पत्र

२। औपचारिक पत्र– Formal letter format

  1. प्राचार्य के नाम पत्र – (क) अवकास के लिए प्रार्थना पत्र (ख) आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना पत्र 
  2. नियोक्ता कार्यालय के नाम – (क ) पद के लिए आवेदन पत्र, (ख)- निर्धारित प्रपत्र भरना , (ग ) – विविध आवेदन
  3. सामाजिक पत्र – (क)- निमंत्रण पत्र ( विवाह पर ), (ख)- निमंत्रण पत्र ( समारोह पर )
  4. शिकायती पत्र – (क)- विविध अधिकारिओं के नाम,
  5. समस्या पत्र – (क )- संपादक के नाम
  6. व्यावसायिक पत्र – (क)- बैंक , विक्रेता , कंपनी , संस्थान के नाम

 

 पत्र के अंग – Letter writing in hindi

 पत्र के अंग निम्नलिखित हैं- 

  1. पत्र लेखन के स्थान का उल्लेख ।
  1. पत्र लेखन की तिथि।

     3. पत्र पाने वाले की प्रशस्ति व अभिवादन।

     4. समाचार।

      5. पत्र की समाप्ति (लेखक का नाम आदि)

6. पाने वाले का नाम व पता।

      7.भेजने वाले का पता।

8. व्यक्तिगत पत्र

व्यक्तिगत पत्र- Anopcharik patra  । Informal letter writing in Hindi | अनौपचारिक पत्र

व्यक्तिगत पत्रअपने निकटस्थ सगेसम्बन्धियों, मित्रों या मातापिता को लिखे गए पत्र व्यक्तिगत पत्र कहलाते हैं। पत्रों में व्यावहारिक भाषा तथा व्यक्तिगत बातों का जिक्र होता है। अभिवादन तथा प्रशस्ति पत्र लिखने वाले और पत्र पाने वाले के मध्य सम्बन्धों पर निर्भर करता है। इन पत्रों का दायरा सम्बन्धों के अनुरूप बहुत बड़ा होता है।

 व्यक्तिगत पत्रों की रूपरेखा – ( letter writing in hindi)

 प्रेषक का पता तथा दिनांक – कार्ड अथवा पत्र की दाई ओर ऊपर लिखा जाता है। दिनांक उसके नीचे।

प्रशस्ति व अभिवादन          – कार्ड अथवा पत्र की बाईं ओर नीचे की ओर लिखे जाते हैं।

 समाचार                           – पत्र के मध्य भाग में लिखा जाता है।

 समाप्ति                            – कार्ड अथवा पत्र के नीचे दाईं ओर लेखक के हस्ताक्षर किसी उपयुक्त                                                       विशेषण सहित होते हैं । 

पत्र पाने वाले का नाम और पता  – कार्ड अथवा लिफाफे पर टिकट के नीचे दाईं ओर निश्चित स्थान पर                                                           लिखा जाता है।

 प्रेषक का पता – पते की दाई ओर नीचे के कोने में लिखा जाता है। अन्तर्देशीय पत्र में दूसरी ओर लिखा                                 जाता है।

 प्रशस्ति अथवा अभिवादन- ( letter writing in hindi)

 बड़ों को— श्रीयुत्, श्रीमान्, मान्यवर, आदरणीय, पूज्य, पूजनीय, पूज्यपाद, श्रद्धेय आदि।

 छोटों को– प्रिय, चिरंजीव, प्रियवर, आयुष्मान आदि।

 मित्र व सखी कोप्रिय, प्रियवर, मित्रवर, स्नेहमयी, अभिन्न हृदय। प्रशस्ति के नीचे छोटेबड़ों को— यथायोग्य                            अभिवादन लिखा जाता है। जैसे प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, शुभाशिष, खुश                                 रहो, आनन्दित रहो, सादर प्रणाम, सप्रेम नमस्ते आदि।

 पत्र लेखन का विशेषण (बड़ों को)आज्ञाकारी, विश्वासपात्र, विश्वासभाजन, कृपाकांक्षी, स्नेहाभिलाषी आदि

 छोटों को– शुभचिन्तक, हितैषी, शुभाकांक्षी, स्नेही, आपका परम सखा, आपका अभिन्न आदि।

 पतायह पत्र का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग होता है। इसे सहीसही ठीक ढंग से लिखना चाहिए अन्यथा पत्र                यथास्थान नहीं पहुंच पाता है, जिसके कारण कई बार बहुत असुविधा व हानि उठानी पड़ जाती है।


अनौपचारिक पत्र- धन्यवाद पत्र

( letter writing in hindi)

 अपने जन्मदिन पर मित्र द्वारा भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद-पत्र लिखिए।

 

ए-1, सैक्टर-1, वैशाली गाज़ियाबाद

मार्च 15, 2021

प्रिय अनन्य प्रेम!

कैसे हो? आशा है, हमेशा की तरह सदाबहार होंगे।

मैं तुम्हारी ओर से जन्मदिन का अति सुंदर उपहार पाकर बहुत प्रसन्न हूँ। प्रिय अनन्य! मैं तुम्हारी सूझ-बूझ का का हूँ। तुम मुझे सुबह सैर के लिए तो कभी तैयार नहीं कर सके। अब यह युक्ति अच्छी है।

तुमने मेरे लिए इतना सुंदर ट्रैक सूट भेजा है कि मेरा मन सुबह सैर करने के लिए मचलने लगा है। पर तुम यह न समझना कि मैं तुम्हारी सलाह मान गया हूँ। मैं तो लोगों को यह इतना सुंदर ट्रैक सूट दिखलाने के लिए हफ्ता दो हफ्ता सैर पर जाऊँगा।

जब कोई पूछेगा कि कहाँ से लाए हो तो तुम्हें याद करूँगा भाई अनन्य! मैंने सूट पहनकर देखा है। लगता है, यह मेरे लिए ही बना है। तुम्हारा चयन बहुत सुंदर हैं। मेरी ओर से बहुत-बहुत धन्यवाद।

 भगवान तुम्हें ऐसे-ऐसे बढ़िया उपहार देते रहने की बुद्धि दे।

तुम्हारा

रमन जैन


 अनौपचारिक पत्र ( letter writing in hindi)

ग्रीष्मावकाश में आपके पर्वतीय मित्र ने आपको आमंत्रित कर अनेक दर्शनीय स्थलों की सैर कराई। इसके लिए उसका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद पत्र लिखिए।

 

रोहन कुमार  

7/7, न्यू कॉलोनी 

मार्च 13, 2021

 

प्रिय चेतन 

मधुर स्मृति!

 कैसे हो ? आशा है, हिमाचल की बर्फीली वादियों जैसे मुहाने होगे प्रिय चैतन। जब से तुमने मुझे मनाली और रोहतांग दरे की सैर कराई है, मुझे सदा उन बर्फीली चोटियों की याद आती है। कभी वशिष्ठ आश्रम   तो कभी हिडिंबा का मंदिर याद आता है। तुम्हारे संग देखे गए मनाली से रोहतांग तक के खूबसूरत रास्ते मुझे कभी भुलाए नहीं भूल सकते। वो मढ़ो, वो स्नोप्वाइट। बर्फ को घाटी में स्लेज पर फिमलना। वो फोटोग्राफी वो बर्फ के बीचोंबीच बैठकर चाय पीना बर्फ के खेल खेलना। मेरे जीवन के सबसे सुंदर और सुहाने पल यही हैं। इसके हर पल में तुम हो। तुम्हारी यादें हैं। तुम्हारा प्रेम है और प्रेम-भरा निमंत्रण है।

 प्रिय चेतन! तुम्हारे निमंत्रण पर में इन खूबसूरत दर्शनीय स्थलों का आनंद उठा सका। इसके लिए मेरे पास धन्यवाद के योग्य शब्द नहीं हैं। बस इतना कहूँगा- आभार। धन्यवाद !

 

तुम्हारा, 

रोहन कुमार 


अनौपचारिक पत्र- शुभकामना पत्र (परीक्षा)

 १। तुम नवीन शर्मा, 184, जनकपुरी, नई दिल्ली के निवासी हो। अपने छोटे भाई को परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए शुभकामना पत्र लिखो।

 नवीन शर्मा 184, जनकपुरी 

नई दिल्ली दिनांक-फरवरी 12, 2021

 प्रिय प्रवीण 

स्नेह !

आशा है सकुशल होंगे। अगले मास तुम्हारी वार्षिक परीक्षाएँ हैं मन लगाकर पढ़ाई करो। परिश्रम का फल अवश्य मिलता है। हमारी बहुत सी आशाएँ तुम्हारे अच्छे परिणाम से जुड़ी हुई हैं। अच्छी सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।

तुम्हारा

नवीन शर्मा

 २। परीक्षा में प्रथम आने पर अपने मित्र को शुभकामना पत्र लिखो।

 

रोशन प्रकाश, 

गाँव व डा.चाँदपुर 

वैशाली 

दिनांक– 16 जुलाई, 2021 प्रिय सुनील

मधुर स्मृति

आज ही तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर हार्दिक प्रसन्नता हुई। तुमने परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आशा है भविष्य में भी तुम इसी मेहनत तथा लगन से अपनी पढ़ाई करोगे स्वर्णिम भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।

तुम्हारा

पंकज


अनौपचारिक पत्र-संवेदना पत्र (निधन पर)

 किसी मित्र को उसकी माताजी के आकस्मिक निधन पर एक संवेदना पत्र लिखिए।

 

4/2/612/1, रामकोट 

हैदराबाद 10 मई 2021 

प्रिय मित्र जगजीवन

 तुम्हारे पत्र के माध्यम से यह जानकर मुझे अत्यधिक दुख हुआ कि तुम्हारी ममतामयी माँ का आकस्मिक निधन हो गया है। तुम पर जो सहसा वज्रपात हुआ है, उसके दुख को शब्दों में बाँधना कठिन है। अभी उनकी अवस्था ही क्या थी। उन्होंने अपने जीवन के चालीस इकतालीस वसंत हो तो देखे थे उस परमप्रभु की लीला को समझ पाना कठिन है। मित्र मैं तुम्हारी स्थिति का अनुमान कर सकता हूँ। माता जी का चिरवियोग तुम्हारे लिए कितना दुखदायी होगा, यह सोचकर मेरा हृदय फटा जा रहा है। जगजीवन, तुम्हारी माँ वास्तव में देवी थी।

उनका हृदय स्नेह का सागर था। उनका मेरे प्रति जो प्रेम भाव था, वह मैं कभी भुलाए नहीं भूल सकता। मित्र! यह मैं भलीभाँति जानता हूँ कि इस समय सांत्वना के कितने भी शब्द तुम्हें धैर्य प्रदान नहीं कर सकते। परंतु, दुख तो अब सहन करना ही पड़ेगा। इसके अतिरिक्त उपाय भी क्या है? परमपिता परमेश्वर से मेरी यह प्रार्थना है कि इस घोर विपत्ति के समय तुम्हें तथा तुम्हारे परिवार के अन्य लोगों को इस असा दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे तथा दिवंगत आत्मा को शांति दे।

 

तुम्हारा स्नेही,

रोहित कुमार  


विविध पत्र – ( letter writing in hindi) 

  • पिताजी को, पैसा मँगवाने के लिए पत्र लिखिए (लगभग 80 शब्दों में)

 

84 बी, 

स्टोल सिटी, जमशेदपुर, 

13-3-2021

पूज्य पिताजी चरण स्पर्श!

आशा है आपका स्वास्थ्य ठीक होगा माताजी और स्नेहा सकुशल होंगी। मैं यहाँ पढ़ाई में मन हूँ सब ठीक चल रहा है।

पिताजी, मुझे दो पुस्तकें, कुछ कापियाँ तथा एक पैंट खरीदनी है। इसके लिए 6000 रु० की आवश्यकता है। यह राशि मुझे शीघ्र भिजवाने का प्रबंध करें। पुस्तक के बिना मुझे कठिनाई आ रही है।

शेष शुभ ! माताजी को प्रणाम! स्नेहा को स्नेह!

आपका सुपुत्र,

रोहन 

 

  • विदेश में स्थित अपने पत्र मित्र को होली पर्व की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए पत्र लिखिए।

 

गजेश सोलंकी 7/17, रोहिणी

जनवरी 8, 2008

प्रिय डॉली

प्रेम

 कैसी हो? आशा है, प्रसन्न होगी।

 अभी-अभी क्रिसमस और नए साल के उत्सव बीते हैं। मैंने इन उत्सवों का भरपूर आनंद लिया। डॉली! मैं तुम्हें भारत के उत्सव दिखाना चाहता हूँ। इस बार 12 मार्च को होली का त्योहार है। इन दिनों तुम्हारी छुट्टियाँ होंगी तुम भारत आ जाओ। हम इकट्ठे होली खेलेंगे।

डॉली! हमारे यहाँ होली रंगों का रंगबिरंगा त्योहार है। इस दिन पूरे भारत का दृश्य देखने योग्य होता है। लोग अपने हाथों में लाल, पीला, हरा गुलाल (रंग) लेकर मित्रों के पास जाते हैं। वे एक-दूसरे पर रंग लगाते हैं तथा गले मिलते हैं। कहीं-कहीं दोलक को ताल पर नाच-गाना होता है। इस दिन मंच पर नर्तक या कलाकार नहीं नाचते। भारत का हर नागरिक खुद नाचता है। लोग खाते हैं, पीते हैं, नाचते हैं, कूदते हैं और मौज करते हैं।

 यदि होली से एकाध दिन पहले आओ, तो सावधान रहना। लोग पानी और रंग से भरे गुब्बारे लेकर तुम पर गुब्बारे फोड़ सकते हैं। यह बच्चों का खेल है। इसीलिए तो कह रहा हूँ, होली भारत का बड़ा मस्त त्योहार है। अगर तुम किसी गाँव में चली गई, तो यहाँ औरतों को देखकर दंग रह जाओगी। वे रस्सी का इंटर बनाकर पुरुषों पर बरसाती है। परंतु मैंने बताया न यह सब हँसी-मजाक और खेल होता है। यह अपनी तरह का खेल है।

मैं  इस होली पर तुम्हारी प्रतीक्षा करूंगा।

तुम्हारा

रोहन ।


Format of formal letter in hindi | औपचारिक पत्र | hindi letter writing  | formal letter format  | hindi letters

 

क। प्राचार्य के नाम पत्रों का प्रारूप –

इन पत्रों का प्रारूप इस प्रकार होता है –

  • प्राचार्य तथा विद्यालय का नाम
  • विषय का उल्लेख
  • आदरसूचक सम्बोधन
  • मुख्य बात
  • धन्यवाद्
  • स्वनिर्देश
  • दिनांक

एक उद्धरण से इसे भली प्रकार समझें – ( letter writing in hindi)

अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र

 

सेवा में,

 श्रीमान प्रधानाचार्य

 विद्या भारती  , दिल्ली

माननीय महोदय,

 निवेदन है कि मैं कल रात्रि से ज्वर आने के कारण आज विद्यालय नहीं आ पाऊँगी। डॉक्टर ने मुझे तीन दिन तक विश्राम करने का परामर्श दिया है।अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि मुझे दिनांक 14.04.2021 से 17.04.2021 तक तीन दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें ।

आपकी आज्ञाकारी शिष्य, 

यादवजी  

कक्षा 10 ‘ब’ 

दिनांक 14.04.2021


प्राचार्य को आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना पत्र

अपने प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र लिखकर अपना मासिक शुल्क कम कराने की प्रार्थना कीजिए। अथवा शुल्क क्षमा (फीस माफी) के लिए प्रधानाध्यापक के पास आवेदन पत्र लिखें। 

 

सेवा में,

 श्रीमान प्रधानाचार्य

 विद्या भारती  , दिल्ली

माननीय महोदय,

विषय- मासिक शुल्क कम कराने के लिए प्रार्थना पत्र श्रीमान जी

सविनय निवेदन है कि मैं दसवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैं एक निर्धन परिवार से संबंध रखता हूँ। मेरे पिताजी की कपड़े की एक छोटी सी दुकान है जिससे इतनी आमदनी नहीं हो पाती कि परिवार का भरण-पोषण सुचारु रूप से हो सके। मेरे पिताजी मेरी पढ़ाई-लिखाई के बोझ को उठाने में असमर्थ हैं।

 मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि आप मेरा मासिक शुल्क कम करने की कृपा करें जिससे मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सकूँ।।

 मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूँ कि अपने आचरण और पठन-पाठन में आपको किसी शिकायत का मौका न दूँगा।

आपकी आज्ञाकारी शिष्य, 

यादवजी  

कक्षा 10 ‘ब’ 

दिनांक 14.04.2021


आवेदन पत्र

समाचार पत्र में प्रकाशित हिन्दी अध्यापिका के पद के रिक्त स्थान हेतु एक आवेदन पत्र प्रस्तुत कीजिए जिसमें अपनी शैक्षिक योग्यता व अनुभव का विवरण दिया गया हो।

 

सेवा में, 

प्रधानाचार्य जी, 

सेंट कोलम्बस स्कूल, नई दिल्ली 110001

 

विषय-हिन्दी अध्यापिका पद हेतु आवेदन पत्र ।

 मान्यवर, 

आम दिनांक 6.7.21 के ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ में विज्ञापित समाचार से मुझे यहज्ञात हुआ है कि आपके विद्यालय में एक स्थान हिन्दी-अध्यापन हेतु रिक्त है। मैं अपना निवेदन पत्र निम्न तथ्यों सहित प्रस्तुत कर रहा  हूँ।

1. नाम व पता – राजीव यादव , 23 अ, शाहपुरा, भोपाल

२। पिता का नाम – डॉ. वीरेन्द्र यादव 

३।आयु व जन्म तिथि – 30 वर्ष, 22 नवम्बर 1990

४। शैक्षिक योग्यता :

(क) हाईस्कूल (आई. सी. एस. ई.) प्रथम श्रेणी – 96%

(ख) इण्टरमीडिएट (आई.एस.सी.) प्रथम श्रेणी 95%

(ग) बी. ए. (अँग्रेजी साहित्य,हिन्दी साहित्य एवं अर्थशास्त्र)- प्रथम श्रेणी- 86%

 विषय- हिन्दी

(घ) एम. ए. (संस्कृत) प्रथम श्रेणी- 86%

(ङ) बी । एड – प्रथम श्रेणी – 96%

(च) दो वर्ष अध्ययन के साथ-साथ अध्यापन का कार्य भी किया था। 

  • अतिरिक्त योग्यता – कविता-पाठ, संस्कृत गीता श्लोक प्रतियोगिता, नृत्य एवं नाटकों में भाग लेकर अनेक बार प्रथम स्थान प्राप्त करके विद्यालय को ट्राफी भी दिलाई है। हस्तकला में भी रुचि है। बैडमिन्टन में अन्तर्विश्वविद्यालय विजेता रही हूँ। इस प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों व खेल-कूद में विशेष रुचि है।

अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि मुझे अपने विद्यालय में अवसर प्रदान करने की कृपा करें। मैं आपको अपने कार्य व व्यवहार से सन्तुष्ट कर सकूँगी|

ऐसा मेरा विश्वास है। आशा है, आप मुझे अवसर प्रदान कर अनुगृहीत करेंगे।

सधन्यवाद,

संलग्नक-5 प्रमाण-पत्र

दिनांक-14।05।2021

 

निवेदक ,

रंजीता यादव , 23 अ, शाहपुरा, भोपाल।


विविध आवेदन

अपने क्षेत्र की समस्याओं और असुविधाओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए क्षेत्र के संसद सदस्य को पत्र लिखकर उन्हें दूर करने का अनुरोध कीजिए।

 

सेवा में, 

किशनचंद सांगवान,

सांसद, सोनीपत क्षेत्र

 

विषयसोनीपत की मूलभूत समस्याएँ

 

महोदय

विनम्र निवेदन है कि सोनीपत नगर के निवासी निम्नलिखित समस्याओं से बुरी तरह परेशान हैं

 

  1. गाड़ियों में जबरदस्त भीड़ की समस्या।
  2. हिंदू कॉलेज के पास रेलवे फाटक की समस्या
  3. सड़कों के निरंतर टूटते रहने की समस्या
  4.  दिल्ली से लौटते समय गाड़ियों और बसों की समस्या। 

महोदय, ये बड़ीबड़ी समस्याएँ हैं जिनके लिए आपके सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है। कृपया यहाँ से तीनचार और गाड़ियाँ चलवाने की व्यवस्था करें। रेलवे फाटक पर पुल बनवाएँ। सड़कें अच्छे स्तर की बनवाएँ, जो बारबार न टूटें। शाम 5.00 बजे के बाद रात 11.00 बजे तक दिल्ली बाईपास से सोनीपत के लिए बसें चलवाने की व्यवस्था करें। 

आशा है, आप पहले की तरह जनता की इन समस्याओं को शीघ्रता से दूर करवाने में सहयोग करेंगे।

प्रार्थी,

विनय प्रकाश

रबींद्रपल्ली, सोनीपत


विवाह का निमंत्रण पत्र तैयार कीजिए।

 मान्यवर!

मेरे सुपुत्र
वि. प्रकाश
एवं आयु. कल्पना

(सुपुत्री श्रीमती एवं श्री अमर सिंह, पटियाला)
के शुभ विवाहोत्सव पर
आप मेरे निवास 162, पश्चिम विहार, दिल्ली पर कार्यक्रमानुसार सादर आमंत्रित हैं।

कार्यक्रम

दिनांक 14 मई, 2007 सोमवार
घुड़चढ़ी 4.00 बजे सायं
बारात प्रस्थान 7.00 बजे सायं
दिनांक 15 मई, 2007 मंगलवार
स्वागत- भोज: 6:00 बजे सायं

 

स्वागतोत्सुक                                                                                             विनीत

सर्व मित्र एवं संबंधी                                                                श्याम रंजन अनीता रंजन।                                                                                                                                अनीता सिन्हा


निमंत्रण पत्र ( समारोह पर)

  •  अपने मित्र को जन्म दिवस पर निमंत्रण पत्र लिखिए।

 राकेश कुमार,

637, टाइप-3 

सैक्टर-12 

इस्पात नगर, बोकारो दिनांक- मार्च 15, 2021

प्रिय रोहित, 

स्नेह!

 आशा है स्वस्थ होओगे। मैं भी यहाँ कुशल हूँ। मित्र। इस बार मेरा जन्म-दिन धूमधाम से मनाने की तैयारियों हैं। अतः तुम 30 मार्च की तिथि मेरे लिए सुरक्षित कर लो। तुम 29 मार्च की रात तक यहाँ पहुँच जाओ, ताकि सभी कार्यक्रमों में शामिल हो सको कार्यक्रम इस प्रकार हैं।

 प्रातः 7 बजे हवन-यज्ञ होगा। हवन के बाद धार्मिक प्रवचन होंगे। इसके बाद इसके बाद सहभोज होगा। माता जी व पिता जी को चरण स्पर्श 29 मार्च को आना न भूलना।

 तुम्हारा राकेश


    शिकायती पत्र (विविध अधिकारियों के नाम)

    आपके क्षेत्र में मच्छरों के प्रकोप-

    सेवा में, 

    स्वास्थ्य अधिकारी, 

    कोलकाता नगरपालिका, 

    कोलकाता 

    विषय- मच्छरों का बढ़ता हुआ प्रकोप

    महोदय, 

    मैं आपका ध्यान बढ़ते हुए मच्छरों के प्रकोप की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। मैं गोपाल नगर क्षेत्र का निवासी है। पूरे गोपाल नगर क्षेत्र में आजकल मच्छरों का भयंकर उत्पात छाया हुआ है। दिन हो या रात मच्छरों के झुंड सदा घूमते नजर आ जाते हैं।

    रात को तो वे सोना  मुश्किल हो गया है। मच्छरों के कारण घर-घर में मलेरिया फैला हुआ है। प्रायः सभी घरों में कोई-न-कोई मलेरिया का रोगो मिल जाएगा। इन मच्छरों के कारण स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ा है।

    हमारे क्षेत्र में मच्छरों की अधिकता का बड़ा कारण है-पानी के जमे हुए तालाब और गली-मुहल्लों में फैलो चौड़ी चौड़ो नंगो नालियों। उन कच्ची नालियों को व्यवस्थित करने की कोई व्यवस्था नहीं हुई है। मुहल्ले के जमादार सफाई की और ध्यान नहीं देते, इसलिए नालियों में सदा मल जमा पड़ा रहता है।

    लोग अपने घरों के गंदे जल को बाहर यूँ ही बिखरा देते हैं, जिससे मार्गों के गड्ढे भर जाते हैं। नगरपालिका निकम्मी है। हमने कई बार निवेदन किया है कि हमारे क्षेत्र के तालाब को भरवा दिया जाए, जिससे मच्छरों का मुख्य समाप्त हो जाए, किंतु इस और कभी ध्यान नहीं दिया गया। 

    इस बार अत्यधिक वर्षों के कारण जगह-जगह जल का जमाव हो गया है। सब जगह कीचड़, मल और बदबूदार जल का प्रकोप हो गया है। अतः मैं पुनः गोपाल नगर के निवासियों की ओर से आप से साग्रह प्रार्थना करता हूँ कि मच्छरों को समाप्त करने के लिए घरों में मच्छरनाशक दवाई छिड़कने की व्यवस्था की जाए। मलेरिया से बचने के लिए कुलीन बाँटने की व्यवस्था की जाए तथा पूरे क्षेत्र की सफाई के व्यापक प्रबंध किए जाएँ। आशा आप शीघ्र कार्यवाही करेंगे।

     धन्यवाद सहित

     भवदीय 

    क ख ग 

    मंत्री, मुहल्ला सुधार समिति गोपाल नगर। 

    दिनांक 30 जून, 2021


    समस्या-पत्र (संपादक के नाम)

     ‘नवभारत टाइम्स’ नई दिल्ली के संपादक को दीक्षा की ओर से पत्र लिखिए, जिसमें सड़क परिवहन के नियमों की उपेक्षा करने वालों के प्रति पुलिस के ढीले ढाले रवैये पर चिंता व्यक्त की गई हो।

     

    सेवा में

     

    संपादक

    नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली

     

    विषय- सड़क के नियमों की अवहेलना

    महोदय,

    मैं आपके सुप्रतिष्ठित पत्र के माध्यम से अपने विचार जनता तक पहुँचाना चाहती हूँ कृपया इन्हें छापकर कृतार्थ करें। सड़क और परिवहन के नियम कोई सज्जा की चीज नहीं हैं कि इन्हें जनता की इच्छा पर छोड़ दिया जाए।

    सड़क और परिवहन के नियम नागरिकों की सुरक्षा के लिए बने हैं। इनका पालन करने से नागरिकों की जान सुरक्षित रह सकती है। परंतु देखने में यह आता है कि हमारे नागरिक इस विषय में बिल्कुल गंभीर नहीं हैं।

    नागरिक अबोध हैं। जब तक उनके साथ कोई अनहोनी घटना घट न जाए, वे मनमानी करते रहते हैं। परंतु प्रशासन और पुलिस का यह दायित्व है कि वह नागरिकों को सचेत करे। उन्हें हेलमेट पहनने, पैदल फुटपाथ पर चलने, चौराहे पर बत्तो का सम्मान करने कार में बैल्ट कसने, अनुचित ओवरटेक न करने, अपनी लेन में चलने तथा निर्देशित गति में वाहन चलाने के लिए बाध्य करे।

    वास्तव में पुलिस वाले असावधान नागरिकों की अनदेखी करते हैं। यदि उन्हें पकड़ते भी हैं तो चेतावनी देकर या पैसे लेकर छोड़ देते हैं। इससे नागरिक सड़क नियमों को मजाक मान लेते हैं। इस कारण कई बार बेकसूर और अनुशासित नागरिकों की जान चली जाती है। मेरा पुलिस से आग्रह है कि वह लोगों की जान से न खेले लोगों को परिवहन के नियमों का पालन सख्ती से कराए।

     

    भवदीया, 

    दीक्षा

    ए-1, सैक्टर-1, वैशाली गाज़ियाबाद

    20, मार्च, 2021

     


     

     

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