Kriya visheshan | kriya visheshan ke kitne bhed hote hain | क्रिया विशेषण | kriya visheshan ke bhed | kriya visheshan in hindi | kriya visheshan ke kitne bhed hai | kriya visheshan kitne prakar ke hote हैं- इन सभी प्रश्नो के उत्तर आपको इस ब्लॉग में अवश्य ही मिल जायेंगे।
क्रिया विशेषण की परिभाषा के रूप में हम ये कह सकते हैं कि जिन शब्दों से हमें क्रिया की कोई विशेष बात अर्थात विशेषता का बोध हो, उन्ही शब्दों को क्रिया विशेषण कह सकते है। जैसे –
- रमेश तो बार -बार गलती कर देता है।
- रोगी को प्रायः ऐसा ही होता है।
- सीमा पर लगातार गोली – बारी होती रही।
- तुम तो रोगी हो, कम खाया करो।
- सारा गांव एकाएक बाढ़ में डूब गया।
उपर्युक्त वाक्यों में आये शब्द जैसे – बार – बार, प्रायः , लगातार , कम और एकाएक , क्रिया की विशेषता बता रहे हैं। इन्ही शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं।
मूल बातें – प्रायः क्रिया विशेषण शब्द क्रिया के पहले ही आते हैं।
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क्रिया – विशेषण के कितने भेद होते है?
क्रिया – विशेषण शब्दों का प्रयोग हम कई प्रकार से करते हैं पर मूलतः इन शब्दों को चार (4) भागो में बाट सकते है अर्थात इसके चार भेद होते हैं।
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण
- कालवाचक क्रिया विशेषण
- स्थानवाचक क्रिया – विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया – विशेषण
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रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
जब भी कोई क्रिया की जाती है या होती है, तब वह किसी न किसी रीति से या अलग ढंग से होती है। उन्ही रीति बताने वाले शब्दों को रीतिवाचक क्रिया – विशेषण कहते है। जैसे –
- मेरे गांव में बाढ़ अचानक ही आ गई।
- रोहित की बेटी तो सचमुच सो गई।
- तुम्हे तो ऐसा काम कभी नहीं करना था।
- मेले में तो सहसा भगदड़ मच गई।
- हम सब दो यथाशक्ति दान देना चाहिए।
उपर्युक्त वाक्यों में आये शब्द जैसे – अचानक , सचमुच, कभी नहीं, सहसा , यथाशक्ति – रीतिवाचक क्रिया विशेषण है।
Tips – इसकी पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप क्रिया से ” कैसे ” लगाकर प्रश्न करें। तो उतर में जो भी शब्द मिलता है, वही रीतिवाचक क्रिया – विशेषण शब्द होते हैं। जैसे –
- चोर धीरे – धीरे घर में घुस गए ।
प्रश्न करें कि “कैसे घुस गए” । तो जवाब में आपको मिलेगा – धीरे – धीरे।
और “धीरे – धीरे” रीतिवाचक क्रिया विशेषण है।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण के प्रकार –
रीतिवाचक क्रिया – विशेषण को हम नौ प्रकार से विभाजित कर सकते है , जो निम्न हैं –
रीतिवाचक क्रिया विशेषण के प्रकार | ||
क्रम संख्या | रीतिवाचक क्रिया विशेषण | प्रयोग में लाये गए शब्द |
1 | विधिबोधक | धीरे – धीरे , सहसा, सुखपूर्वक, तेज, ध्यान से, आदि। |
2 | निश्चयबोधक | जरूर, अवश्य, सचमुच, सही में , निसंदेह आदि। |
3 | अनिश्चयबोधक | प्रायः, शायद, बहुधा, अक्सर आदि। |
4 | हेतुबोधक | किसलिए, अतः, अतएव , क्यों आदि। |
5 | स्वीकृति बोधक | हाँ जी, हाँ, ठीक , सठिक , बिलकुल आदि। |
6 | प्रश्न वाचक | कैसे, क्यों आदि। |
7 | निषेध वाचक | नहीं, न, मत, आदि। |
8 | आवृति बोधक | झटपट , फटाफट, सरासर आदि। |
9 | आकस्मिकता बोधक | सहसा, अचानक , एकाएक आदि। |
कालवाचक क्रिया-विशेषण
जब भी कोई क्रिया होती है या की जाती है तो वह किसी विशेष समय में होती है । वे शब्द जो क्रिया के होने के निश्चित समय या काल में होने के बारे में बतलाता है, वे शब्द कालवाचक क्रिया विशेषण की श्रेणी में आते है। जैसे –
- उन बदमाशों को अभी पकड़ लाओ।
- बदल गरज रहे हैं लगता है अब बारिश होगी।
- बारिश के रुकते है हम शीघ्र चल पड़ेंगे।
- मीरा तो भजन में सदैव रमी रहती है।
- आपका काम तो कल पूरा होगा ।
उपर्युक्त वाक्यों में आये शब्द जैसे – अभी, अब, शीघ्र, सदैव, काल – काल वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं।
Tips– इसकी पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप क्रिया से ” कब ” लगाकर प्रश्न करें। तो उतर में जो भी शब्द मिलता है, वही कालवाचक क्रिया – विशेषण शब्द होते हैं। जैसे-
- मेरे देश का किसान अपने खेतों में प्रतिदिन मेहनत करता है।
प्रश्न करें – कब मेहनत करता है ?
उत्तर – प्रतिदिन
तो ” प्रतिदिन ” शब्द कालवाचक क्रिया विशेषण है।
कालवाचक क्रिया विशेषण तीन (3) प्रकार से देखे जाते हैं । जो निम्नलिखित है –
कालवाचक क्रिया विशेषण के तीन प्रकार | ||
क्रम संख्या | कालवाचक क्रिया विशेषण | प्रयोग में लाये गए शब्द |
1 | काल बिंदु वाचक | अब, जब, कल, आज, परसों, शाम , प्रातः आदि। |
2 | अवधि वाचक | लगातार, हमेशा, दिनभर, निरंतर, नित्य आदि। |
3 | बारम्बारता वाचक | प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रतिपल, हरबार आदि। |
स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
जो शब्द हमें क्रिया के होने के विशेष स्थान के बारे में बतलाये, वे शब्द स्थानवाचक क्रिया विशेषण होते हैं। जैसे –
- तुम घर के बाहर मत जाना।
- आज सर्वत्र ही राम नाम की धुन है।
- काम हो जाये तो यहाँ चले आना ।
- सीता छत के ऊपर से झंडा लहरा रही थी।
- तुम्हारी पुस्तकें यहाँ रखी हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में आये शब्द जैसे – बाहर , सर्वत्र , यहाँ, ऊपर, यहाँ – स्थानवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं।
Tips– इसकी पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप क्रिया से ” कहाँ ” लगाकर प्रश्न करें। तो उतर में जो भी शब्द मिलता है, वही स्थानवाचक क्रिया – विशेषण होते हैं। जैसे-
- तुम घर के बाहर मत जाना।
प्रश्न करें – कहाँ मत जाना ?
उत्तर मिला – बाहर
यहाँ “बाहर” शब्द स्थानवाचक क्रिया विशेषण है।
मूलतः स्थानवाचक क्रियाविशेषण के दो भेद होते है। जो निम्नलिखित है।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण के दो प्रकार | ||
क्रम संख्या | स्थानवाचक क्रिया विशेषण-भेद | प्रयोग किये जाने वाले शब्द |
1 | स्थितिबोधक | ऊपर , निचे, सर्वत्र , अंदर, आमने, सामने, दूर, आदि । |
2 | दिशाबोधक | इधर, उधर, पूर्व, पश्चिम, आदि। |
परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
वे शब्द जो हमे किसी क्रिया की विशेष मात्रा या नाप – तौल आदि का बोध कराये, उन शब्दों को को परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे –
- तुम्हे थोड़ा खाना चाहिए।
- मेरे पास तो पैसे बहुत कम रह गया है।
- तुमने तो कपड़ा अधिक काट दिया।
- तुम सबको खाना बराबर बाट दो।
- उतना लो, जितना खा सको।
उपर्युक्त वाक्यों में आये शब्द जैसे – थोड़ा , कम, अधिक, बराबर, उतना – जितना आदि – परिमाणवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं।
Tips– इसकी पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप क्रिया से ” कितना ” लगाकर प्रश्न करें। तो उतर में जो भी शब्द मिलता है, वही परिमाणवाचक क्रिया – विशेषण ( kriya visheshan ) होते हैं। जैसे-
- तुम्हे थोड़ा खाना चाहिए।
प्रश्न करें – कितना खाना चाहिए ?
उत्तर मिलेगा – थोड़ा
यहाँ थोड़ा शब्द परिमाणवाचक क्रिया विशेषण है।
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क्रिया विशेषण शब्दों की रचना
क्रिया शब्दों के विशेषण बताने वाले शब्द मूल रूप में होते हैं , पर कहीं – कहीं क्रिया विशेषण शब्दों की रचना भी करनी पड़ती है। ये रचनाएँ हम प्रत्यय और समास के द्वारा करते हैं। जैसे –
- संज्ञा से – सुबह , प्रातः , रात आदि।
- सर्वनाम से – यहाँ , वहां, इसलिए, आदि ।
- विशेषण से – अधिक , कम, तेज , धीरे आदि।
- क्रिया से – उठते – बैठते , आते – जाते आदि।
- विलोम से – सुबह – शाम , रात – दिन आदि।
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विशेषण और क्रिया – विशेषण में अंतर
मूल बातें –
- क्रिया -विशेषण हमेशा क्रिया के पहले ही आते हैं।
- विशेषण हमेशा संज्ञा के पहले आते हैं।
उदाहरण –
- रोहन ने कम खाया। ( क्रिया विशेषण ) – ” खाया ” क्रिया से पहले “कम ” लिखा है।
- रोहन तो कम रोटी खाता है। (विशेषण )- “रोटी ” संज्ञा के पहले “कम ” लिखा है।
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