काल

काल 

kaal in hindi | काल की परिभाषा , भेद और उदहारण   kaal in hindi grammer | hindi grammer tense

 

kaal in hindi काल’ और क्रिया  दोनों एक दूसरे से अविभाज्य रूप से जुड़े हुए हैं। काल से तात्पर्य, कार्य व्यापार के घटित होने का क्षण माना है। लेकिन प्राय: लोग काल और समय दोनों को एक ही मान लेते हैं, जबकि काल और समय दोनों एक नहीं है। काल और समय दोनों अलगअलग हैं। समय एक भौतिक इकाई (भौतिक सत्य) है तथा काल एक व्याकरणिक कोटि है या व्याकरणिक इकाई है। समय के प्रति वक्ता का मानसिक बोध जो भाषा(व्याकरण) में व्यक्त होता है, वही काल है।

 समय का बोध क्रिया कराती है। समय तो एक ऐसा धारा प्रवाह है, जो निरंतर बहता रहता है। समय के इस प्रवाह में जिस बिन्दु पर कोई क्रिया घाटित होती हैं वह उसका वर्तमान कहा जाता या कहलाता है। इससे पहले जो कुछ भी घटित हुआ है वह क्रिया के संदर्भ में भूत समय कहलाता है तथा इसके बाद जो कुछ घटित होगा वह भविष्य समय कहलायेगा । इस प्रकार समय को वर्तमान, भूत और भविष्य तीन वर्गों में बाँट लिया जाता है। उसी के आधार पर काल को भी परंपरागत व्याकरण में वर्तमान काल, भूतकाल तथा भविष्यत काल तीन वर्गों में बाँट लिया जाता है।

 इस प्रकार क्रिया रूपों से मुख्य रूप से तीन कालों की सूचना मिलती है।

  1. वर्तमान काल
  2. भूत काल
  3. भविष्यत् काल

” kaal in hindi

 वर्तमान काल

वक्ता  के कथन  के के साथसत्य क्रिया का व्यापार (घटित) होना अर्थात वर्तमान समय में होना वर्तमान काल के अंतर्गत आता है। इस काल में क्रिया रूप इस समय जो कार्य (विधान) किया जा रहा है या जो लगातार होता आ रहा है या जो सामान्य सत्य है, उसे प्रकार करते हैं, जैसे

() वह किताबें बेचता है। 

() आप क्या करते हैं।

(ग) मैं पत्र लिख रहा हूँ ।

” kaal in hindi

वर्त्तमान काल के कितने भेद होते हैं ?

वर्तमान काल के तीन भेद माने गए है

  1.  सामान्य वर्तमान काल
  2. संभाव्य वर्तमान काल तथा
  3. संदिग्ध वर्तमान काल ।
  • सामान्य वर्तमान काल

    : जिस क्रिया रूप से वर्तमान काल में क्रिया का होना था करना पाया जाता है, उसे सामान्य वर्तमान काल कहा जाता है, जैसे –

            () वह जाता है ।

            () वे जाते हैं।

(ग) वह प्रातः उठता है। 

सामान्य वर्तमान काल से आदत होने का संकेत भी मिलता है, जैसे –  

          () वह आता रहता है।

(ख) मैं प्राय: दिल्ली जाता रहा हूँ।

” kaal in hindi

  •  संभाव्य वर्तमान काल (अपूर्ण वर्तमान काल ) :

           क्रिया के जिन रूप से यह पता चले कि कार्य वर्तमान काल में शुरू हो गया है और अभी भी जारी               है, उसे अपूर्ण वर्तमान काल या संभाव्य वर्तमान कहते हैं, जैसे-

(क) बच्चा दूध पी रहा है।

            (ख) छात्र पुस्तक पढ़ रहा है।

इस काल का प्रयोग भविष्य में होने वाले कार्य का संकेत करने के लिए भी किया जाता है।

           () वह कल अहमदाबाद जा रहा है।

(ख) प्रधान मंत्री 23 अप्रैल को यहाँ (आगरा) आ रहे हैं।

” kaal in hindi “

  •  संदिग्ध वर्तमान काल :

          क्रिया के जिस रूप से काम के वर्तमान काल में होने स करने में संदेह का  बोध होता है, उसे संदिग्ध              वर्तमान काल के नाम से जाना जाता है। जैसे –

           () गाड़ी आती होगी ।

           (ख) मोहन आता होगा।

          ( ग) पिताजी कार्यालय पहुंचते होंगे ।


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” kaal in hindi

भूतकाल 

वक्ता के कथन के क्षण के पूर्व क्रिया व्यापार का होना अर्थात बीते हुए समय में होना भूतकाल होता है,

जैसे –

  1. मैं दिल्ली गया था।
  2. बच्चा चला गया।
  3. वे गाना गा रही थीं।
  4. माताजी कहानी सुना रही थी।
  5. पिताजी शाम को पाँच बजे लौटे |
  6. वे दिल्ली चले गए।

 भूतकाल  के सूचक चिहन हैथा, थे, थी आ, ए और ई।

” kaal in hindi

  • भूतकाल के कितने भेद होते हैं ?

भूतकाल के छह भेद होते हैं –

  1. सामान्य भूतकाल
  2. आसन्न भूत काल
  3. पूर्ण भूतकाल
  4. अपूर्ण भूतकाल
  5. संदिग्ध भूतकाल
  6. हेतु-हेतुभर भूत काल |

 

  • सामान्य भूत काल 

 जिस काल से भूत काल में क्रिया के सामान्य रूप से घटित होने का संकेत मिलता है, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं, जैसे-

(क) मोहन आज सबेरे आया ।

 () सुरेश चला गया।

 

  • आसन्न भूतकाल

 क्रिया के जिस रूप से क्रिया के अभीअभी समाप्त होने का बोध होता है, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं। आसन्न का अर्थ हैनिकट। आसन्न भूतकाल से यह बोध होता है कि कार्य निकट भूत में पूर्ण हुआ है।

जैसे-

 (क) यह अभी आया है।

 (ख) उसने किताब पढ़ी है।

” kaal in hindi

  • पूर्ण भूतकाल 

 भूतकाल की जिस क्रिया से यह सूचित होता है कि कोई कार्य भूतकाल में बहुत पहले समाप्त हो चुका था, वह पूर्ण भूतकाल कहलाता हैजैसे

(क) सुरेश कल दिल्ली गया था।

() मैं आज सवेरे आपके घर गया था।

(ग)बच्चा दूध पी चुका था।

 

  • अपूर्ण भूतकाल

 भूतकाल की जिस क्रिया से यह विदित हो कि कार्य भूतकाल में प्रारंभ हो चुका था, लेकिन कार्य की पूर्णता प्रकट न हो, उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।

जैसे-

 () बच्चा दूध पी रहा था ।

 () छात्र पुस्तक पढ़ रहा था।

 () सुशीला खाना पक रही थी।

 

  • संदिग्ध भूतकाल 

 भूतकाल की जिस क्रिया से कार्य के करने या होने पर संदेह प्रकट हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।

 जैसे –

 () उसने किताब पढ़ी होगी ।

 (ख) राधा गाना गाया होगा

 () श्याम ने यह पत्र लिखा होगा |

(घ )उसे हमारी चिट्ठी मिली होगी।

 

  •  हेतु – हेतुमद भूतकाल

जिस क्रिया से यह जाना आ सके कि कार्य भूतकाल में हो सकता था, परन्तु किसी अन्य कार्य के न हो सकने के कारण नहीं हो सका, वहाँ हेतुहेतुमद् भूत काल होता है।

जैसे –

() यदि कपिल पढ़ता हो उत्तीर्ण होजाता ।

() यदि वर्षा होती ती किसान खुश होते।

) यदि आप आते तो मैं भी दिल्ली चलता।


” kaal in hindi

भविष्यत् काल 

 कथन के क्षण के बाद क्रिया व्यापार का होना अर्थात भविष्य में होना भविष्यत काल है।

जैसे-

() यह कल दिल्ली जाएगा।

(ख) मैं यह काम नहीं करूँगा |

 (ग ) आप कहाँ बैठेंगे ?

 (घ ) वह नहीं आएगा।

अन्य उदाहरण

 तुम कब आओगे ?

 मैं पत्र नहीं लिखूँगा।

 क्या आप मेरे साथ चलोगे ?

 आप कब लौटेंगे ?

 भविष्यत् काल के सूचक चिहनएगा, एगी, एंगे – ेंगी, ओगे – ोगी , ऊँगा तथा ऊँगी है।

 

भविष्यत काल के कितने भेद होते हैं?

भविष्यत् काल के दो भेद माने जाते हैं –

(1) सामान्य भविष्यत् काल

(2) संभाव्य भविष्यत् काल |

 

  •  सामान्य भविष्यत् काल 

भविष्यत् काल की जिस क्रिया से यह सूचित हो कि क्रिया भविष्य में एक या अनेक बार होगी, उसे सामान्य भविष्यत् काल कहते हैं।

 जैसे –

() माली पौधों में पानी देगा।

() हम सब खेलने आएँगे ।

 

  • संभाव्य भविष्यत् काल 

क्रिया के जिस रूप से भविष्यत् काल में कार्य के होने संदेह था संभावना पाई जाए, वह संभाव्य भविष्यत् काल कहलाता है,

जैसे –

() शायद वह कल सवेरे वापस आ जाए।

() जब वह मेरे घर आएगा, तब मैं पढ़ रहा हूँगा ।

 संभाव्य भविष्यत् काल की क्रियाओं से कार्य के होने का निश्चित पता नहीं चलता, केवल उसकी संभावना का ही बोध या ज्ञान होता है।

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