OTP FULL FORM

OTP FULL FORM अर्थात ONE TIME PASSWORD. आपको नाम से ही पता चल रहा है कि ये पासवर्ड एक ही बार प्रयोग में लाया जाता है। इसे One time authorization code (OTAC) या डायनामिक पासवर्ड भी कहा जाता है। ये पासवर्ड आपको सिर्फ एक बार लॉगिन करने की अनुमति देता है।

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OTP की कुछ मुख्य तथ्य

  1. ये पासवर्ड आधारित प्रमाणीकरण के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
  2. जहाँ दोहरी प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है वहां इसी का प्रयोग किया जाता है। 
  3. ये बहुत ही सेफ होता है।
  4. बैंकिंग से जुड़े गतिविधियों में अक्सर इसी OTP का ही प्रयोग देखने को मिलता है। 
  5. इसे एक बार गलत अंकित करने पर आपको नए OTP की जरुरत पड़ेगी। 
  6. इसे रिवर्स कर नहीं सकते।
  7. ये OTP  , नंबर, अक्षर , चिन्ह या तीनो का मिश्रण हो सकता है।
  8. जितनी बार आप SEND OTP का बटन दबाएंगे, उतनी बार आपको नए OTP ही प्राप्त होंगे।
  9. ये एक निर्धारित समय के लिए ही कार्य करते है, जिसकी अवधि बेहद ही काम होती

OTP के क्या लाभ हैं? 

WHAT ARE THE BENEFITS OF OTP ? ये एक ऐसा प्रश्न है जो हर एक के द्वारा पूछे जाते है। आइये OTP FULL FORM  ब्लॉग में हम इसके कु मुख्य लाभों को देखते है।

  1. ऑनलाइन पहचान की चोरी – ये OTP आपको ऑनलाइन में होने वाली चोरी से आपको बचाता है। हैकर्स आपतक पहुंचने से पहले ही ये पासवर्ड की समय सीमा समाप्त हो जाती है। ये बहुत ही सुरक्षित होता है। 
  2. सुरक्षा – सामान्य पासवर्ड, एक ही पासवर्ड या क्रेडेंशियल साझा करने से कई बार समस्या उत्पन्न होती है, ये सुरक्षा की दृस्टि से भी बेहद ही कमजोर रास्ते हैं। इससे सुरक्षा की हानि हो सकती है। पर OTP से सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है।

Password ko hindi mein kya kahate hain

पासवर्ड को हिंदी में क्या कहते हैं ? ये प्रश्न हमेशा ही हमारे मन में उठता रहा है। वस्तुतः हम हमेशा से ही इंग्लिश भाषा में “पासवर्ड ” का ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं। ये हमें आसान भी लगता हैं। रोजमर्रा के बोलचाल में हम इसी शब्द का प्रयोग करते आ रहे हैं। पर हिंदी में इसे कूट शब्द कहते हैं।

Password  – कूट शब्द 


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ओटीपी और स्टेटिक पासवर्ड में अंतर

OTP versus Static Password 

स्टेटिक पासवर्ड- STATIC PASSWORD

ये एक ऐसा पासवर्ड है जिसे आप खुद ही बना सकते हैं और बार – बार उसी पासवर्ड को प्रयोग में ला सकते है। ऐसा पासवर्ड कुछ हद तक सुरक्षा तो प्रदान करता है पर ये पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है। वस्तुतः हम इसी पासवर्ड का प्रयोग हमेशा से करते आ रहे हैं।

पर वर्त्तमान के समय में ऑनलाइन चोरी की घटनाओं से इस स्थैतिक पासवर्ड को कमजोर सिद्ध कर दिए है। जब भी आप अपने एटीएम का इस्तेमाल किसी POS डिवाइस पर करते है तो आपकी पहचान चोरी होने की संभावना होती है।

हैकर्स डिक्शनरी अटैक का उपयोग करके किसी के पासवर्ड को जान लेता है। हम ये जानते हुए भी ऐसे पासवर्ड का प्रयोग इसलिए करते है क्युकि ये याद रखने में आसान होते है और इसे बार बार प्रयोग करने की सहूलियत भी होती है।

आजकल सोशल इंजीनियरिंग हमले जैसे कुछ शब्द हमे सुनाई दे रहे हैं। इसके द्वारा भी इस स्टैटिक पासवर्ड का पता लगाया जाता है।

OTP – ONE TIME PASSWORD

ये स्टैटिक पासवर्ड से बेहतर होता है। ये आपको अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। इसकी प्रमाणिकता  प्रणाली बेहद ही मजबूत और अतिरिक्त सुरक्षा क्रेडेंशियल को सम्मिलित किये हुए है। जब भी आप किसी नेटवर्क में काम करते हैं तो ये पासवर्ड आपको अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।

स्टैटिक पासवर्ड से कोई भी अनजान व्यक्ति आपके कहते तक पहुंच सकता है। पर OTP की अगर दोहरी सुरक्षा हो तो किसी का आपतक पहुंचना लगभग नामुमकिन हो जाता है। और आज की परिस्तियों में ये बेहद ही जरुरी भी हो गया है। 

इसका काम समय तक रहना, हर समय बदलना और रिवर्स न होने की सुविधा ही इसे स्टैटिक पासवर्ड से अलग और बेहतर बनती है।


 ONLINE बैंकिंग में OTP

OTP FULL FORM बैंकिंग में OTP एक क्रन्तिकारी कदम सिद्ध हो रहा है। आधुनिक युग में ज्यादातर बैंकिंग काम काज हम ऑनलाइन ही करना पसंद करते है। हम अपने पैसे का लेनदेन, खाते के लेनदेन की जानकारी, बिल का भुक्तान आदि कार्य सब ऑनलाइन ही करने लगे है। और इसी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी बैंक OTP की सुरक्षा दे रहे हैं। 

जब भी हम कोई लेनदेन ऑनलाइन बैंकिंग की माध्यम से करते हैं तब हमें लॉगिन करते समय बैंक की द्वारा भेजे OTP का ही प्रयोग करना होगा। ये पासवर्ड आपको अपने उसी फ़ोन नंबर पर SMS के द्वारा मिलेगा जिसे आपने अपने बैंक खाते की साथ जोड़ा है। 

लेनदेन की समस्त कार्य आपको OTP की सहायता से ही पुरे करने होने। ये बिना फ़ोन नंबर की संभव नहीं होगा। अगर नेटवर्क सम्बंधित को समस्या है तो आप अपना बैंकिंग कार्य नहीं कर सकते। 

बैंक द्वारा भेजे गए किसी भी OTP को आप किसी की साथ साँझा न करें। ये बेहद ही जरुरी निर्देश बैंक के  द्वारा अक्सर ही दिए जाते है। बैंक आपसे कभी भी कोई OTP नहीं पूछती है। इसलिए हमेशा ख्याल रखे की बैंक के नाम से कोई आपको फ़ोन करके आपसे OTP  पूछे तो साफ मना कर दें ।


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वन-टाइम पासवर्ड कैसे प्रसारित किए जाते हैं?

How are one-time passwords transmitted?

१। मोबाइल के द्वारा OTP

 One-time password via SMS message– -इस पद्धति के लिए आपके पास मोबाइल नंबर का होना आवशयक है। अपने जिस मोबाइल नंबर को पंजीकृत किया है उसी नंबर पर आपको OTP हासिल होगा। जब भी आप लॉगिन करने के लिए नाम और पासवर्ड ठीक प्रकार से भर लेते हैं तब आपको OTP के लिए सन्देश भेजने का विकल्प मिलेगा। 

ये बेहद ही सुरक्षित पद्दति है। जब आप OTP देकर आखरी लॉगिन कर लेते हैं तो आप प्रमाणीकरण की सारी औपचारिकता को पूरा कर लेते हैं। पर ध्यान रहे, इसे निर्धारित समय के अंदर ही उपयोग में लाना होता है, नहीं तो ये समाप्त हो जाते है।

२। Voice के माध्यम से वन-टाइम पासवर्ड

One-time password via VOICE – ये वौइस् कॉल के जरिये पासवर्ड प्राप्त की जाती है। इसके लिए अनिवार्य रूप से लैंडलाइन या मोबाइल फ़ोन होना चाहिए। ये पासवर्ड इसलिए अनोखा है कि इसकी पहुंच सिर्फ एक ही उपोगकर्ता तक सिमित होता है।

ये sms  की तरह हमारे फ़ोन में संगृहीत नहीं होता। पर इसका एक नुकसान यह है कि अगर पासवर्ड सुनने में एक भी अक्षर या अंक की चूक हो गई तो हमें दोबारा प्रयास करना होगा। वस्तुतः इसे इस्तेमाल करने में कठिनाई तो होती ही है। 

३। ईमेल के माध्यम से वन-टाइम पासवर्ड-

One-time password via Email अर्थात हमें ईमेल के जरिये पासवर्ड प्राप्त होगा। जब भी हम लॉगिन करने का प्रयास करते हैं तो हमें ईमेल से OTP का विकल्प भी मिलता है। हम अपनी इच्छा अनुसार ये विकल्प भी चुन सकते हैं। 

सुरक्षा की दृस्टि से ये विकल्प सही नहीं है। सन्देश का आदान प्रदान करने हेतु ईमेल का प्रयोग तो किया जा सकता है। पर किसी पासवर्ड के लिए ये अधिक उपयोगी नहीं हो सकता। पर जब भी हम कभी पासवर्ड रिसेट करते हैं तो हमें ये विकल्प काफी मददगार महसूस होता है।

इसकी एक खामी हमें देखने को मिलती है। जब भी हम लॉगिन करते समय OTP  की मांग करते है और जब वह हमारे ईमेल में आता है। तो हमें अपना ईमेल लॉगिन करते करते कभी कभी पासवर्ड की समय सीमा समाप्त हो जाती है। ये दिक्कत अक्सर उपभोगता हो देखने को मिलता है।

४। डाक द्वारा वन-टाइम पासवर्ड

इसे ईमेल का दूसरा रूप कह सकते है। ईमेल को तो एक पल में प्राप्त किआ जा सकता है, पर डाक को प्राप्त करने में अक्सर देरी होती है। इसी कारण इस पासवर्ड की समय सीमा भी सामान्य पासवर्ड से अधिक होती है।

बैंकिंग के क्षेत्र में इसका प्रयोग कुछ समय पहले हुआ करता था। पर इसकी जगह अब ईमेल का अधिकतर प्रयोग होने लगा है।

सुरक्षा की दृस्टि से ये पद्धति सुरक्षित नहीं है। डाक के आवाजाही में ये किसी गलत हाथों में जा सकता है। इसका कार्य मस्सजिंग सिस्टम के कार्य के तहत तो ठीक है पर पासवर्ड के लेनदेन में समस्या आ सकती है।

ये पासवर्ड अधिकतर बैंक द्वारा दिए जाते है। और आपके बैंक के पास पुरे पासवर्ड की सूचि होती है जिससे वे आपके द्वारा अंकित पासवर्ड का मिलान करते है। ऐसे पासवर्ड की सूचि का किसी गलत हाथों में जाने की हमेशा सम्भावना बनी रहती है।

५। पुश नोटिफिकेशन के जरिए वन-टाइम पासवर्ड

push notification से भी आप पासवर्ड हासिल कर सकते है। ये सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। यह एप के द्वारा जेनरेट पासवर्ड होता है जो लॉगिन करते समय ही आपको पुश नोतिर्विकशन के जरिये उसी वक़्त मिल जाता है। आप उस पासवर्ड को कॉपी करके पेस्ट कर सकते हैं और आगे की प्रक्रिया में आसानी से बढ़ सकते हैं ।

ये आपकी डिवाइस जैसे लैपटॉप, मोबाइल या टैब पर आसानी से हासिल की जा सकती है। ये उपोगकर्ता की दृस्टि से बहुत ही आसानी से उपयोग की जाने वाली पद्दति है। ये सुरक्षित भी है क्युकि इसे बहुत ही सिमित समय के लिए आपके डिवाइस पर देखा जा सकता है।

पुश नोटिफिकेशन की बस एक समस्या यह है कि इसे इस्तेमाल के लिए एक समर्पित एप की आवश्यकता होती है। एप के बिना इसे पाना संभव नहीं।

६। हाइब्रिड वन-टाइम पासवर्ड

Hybrid one-time password  , एक ऐसी तकनीक है जिसमे आप अपने सहूलियत अनुसार पासवर्ड पास सकते हैं। आप इस बात तो तय कर सकते हैं कि सबसे पहले आप किस पर अपना पासवर्ड पाना चाहते है। 

इस तकनीक के तहत आप OTP  को SMS, EMAIL, VOICE OR PUSH NOTIFICATION के जरिये हासिल कर सकते है अगर आप डिफ़ॉल्ट रूप SMS  सेट करते हैं तो सबसे पहले आपको इसी पर पासवर्ड मिलेगा । अगर कोई दिक्कत हुई तो आप को अन्य विकल्प जो आपने तय किया है उस पर प्राप्त कर सकते है।

ये तकनीक उपभोगता को बहुत ही सहूलियत प्रदान करता है। इससे आपकी  OTP न मिलने की समस्या समाप्त हो जाएगी। इससे पासवर्ड लागत भी कम की जा सकती है। पर इसे प्राप्त करने के लिए एक अच्छे एप  की आवश्यकता होती है।

 


निष्कर्ष

OTP FULL FORM अर्थात ONE TIME PASSWORD से हमे बहुत ही सहूलियत हो गई है। आपको अलग-अलग पासवर्ड याद रखने की जरुरत नहीं है। हर बार जब भी आप लॉगिन करेंगे तब-तब आप इस OTP को जेनरेट और उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

बड़ी कंपनियों में हर रोज कई अकाउंट बनाये जाते है और सबके पासवर्ड को याद रखना या उसे संजोकर रखना एक चुनौती हो जाती है। पर OTP  से सारी ससमस्यों का समाधान आसानी से हो जाता है। ये हर बार आपको नए पासवर्ड बना कर आसानी से दे देती है।

आजकल डाटा साइबर अपराध और धोकाधड़ी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। इससे बचने के लिए दोहरी प्रमाणीकरण की आवशयकता होती है। पहला, आप अपने पासवर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं और दूसरा OTP  को भी प्रमाणित करना होता है। ये सुरक्षा को दुगनी कर देता है।

OTP  ने तो हेल्प डेस्क के कार्य को भी काफी हद तक आसान कर दिए है। अब आपको पासवर्ड रिसेट अनुरोध के लिए हेल्प डेस्क की आवशयकता नहीं होती है आप खुद ही OTP  के जरिये इसे रिसेट कर सकते है।

ये आपके स्थैतिक पासवर्ड को और भी मजबूती प्रदान कर देता है। इससे धोकाधड़ी से आप आसानी से बच सकते है।

 

आशा है आपको  OTP से जुडी समस्त जानकारी अच्छी लगी होगी। ये ब्लॉग OTP FULL FORM अगर आपको अच्छी लगे तो आगे इसे शेयर जरूर करें। इस विषय में आपकी क्या राय है कमैंट्स करके मुझे जरूर बताएं। 

 

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