आप इस BDC full form ब्लॉग में आप BDC के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। असल में ये शब्द सिर्फ एक ही अर्थ के प्रयोग में नहीं लाया जाता अपितु इसे अनेक अर्थो में देखा जाता है। आज हम इसी विषय के सभी आयामों को जानने का प्रयास करेंगे। हम इसके फुल फॉर्म के साथ – साथ उससे जुड़े तथ्य को भी जानने का प्रयास करेंगे।
Table of Contents
BDC IN PANCHYAT
पंचायत के सम्बन्ध में BDC FULL FORM अर्थात Block development committee (प्रखंड विकास समिति) या Block development council (प्रखंड विकास परिषद) होता है।
B– Block
D– Development
C– Committee
भारत जैसे ग्राम प्रधान देश में इस कमिटी का होना बहुत जरुरी है। इनका अधिकार क्षेत्र ग्राम या प्रखंड स्तर पर होता है। भारत एक प्रगतिशील देश है और गावों की प्रगति ही आज का प्रमुख उद्देश्य माना जाता है। प्रगति के लिए हर कार्य का नियमबद्ध तरीके से पूरा करने की जिम्मेदारी इन्ही समिति की होती है।
ग्राम पंचायत के कार्यों को ये अपनी निगरानी में करवाते हैं। पंचायत अपने कार्यों की पूरी जानकारी भी इस कमिटी से साँझा करती है। पंचायत के तालमेल से ही किसी गांव के विकास को गति मिलती है। ब्लॉक समिति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। गावों के निम्नलिखित प्रमुख कार्यों का क्रियान्वन इन्ही के द्वारा होता है।
- सड़क योजना को गति प्रदान करना।
- कच्ची सड़कों की मरम्मत और उसे पक्की सड़कों में तब्दील करना ।
- पीने के पानी की सार्वजनिक व्यवस्था करना।
- खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था।
- अच्छे बीज व् खाद सम्बन्धी जानकारी किसानों को देना तथा उसे हरेक के लिए उसे उपलब्ध करवाना।
- स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं पर विशेष निगरानी।
- छोटे बच्चो के टीकाकरण आदि पर निगरानी।
- स्कूल व् सार्वजानिक इमारतों का निर्माण व् मरम्मत की जिम्मेदारी।
- समस्त विकास के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करना तथा उनसे मदद प्राप्त करना।
- महिलाओं से सम्बंधित विकास कार्यकर्मो को गति प्रदान करना।
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BDC IN SAP
BDC IN SAP में BDC अर्थात Batch Data Communication.
BDC को समझने से पहले हमें SAP को समझना होगा। ये एक सॉफ्टवेयर है या यूँ कहें कि सॉफ्टवेयर और कंपनी दोनों का नाम SAP ही है।
SAP FULL FORM
S – SYSTEMS
A– APPLICATIONS
P– PRODUCTS
SAP सॉफ़्टवेयर किसी भी कंपनी के कार्यों को बेहद आसान बना देती है। इस सॉफ्टवेयर द्वारा उत्पादन, कर्मचारी, या विभिन्न विभागों पर नज़र रखना आसान हो जाता है। व्यावसायिक जटिलताओं को ये आसान ही नहीं अपितु सभी कार्यों का क्रियान्वन एक ही स्थान से करने की सुविधा भी प्रदान करता है। इससे सभी उत्पादों की गुरवक्ता का विशेष ध्यान रखा जा सकता है।
Batch Data Communication (BDC) , ये SAP के साथ डेटा लोडिंग की तकनीक है। अगर कोई कंपनी SAP सॉफ्टवेयर का प्रयोग करना चाहता है पर सॉफ्टवेयर के प्रयोग करने से पहले के जो कंपनी दस्तावेज होते है उनको भी अपलोड करना होता है। जब सैप में बड़ी मात्रा में इस तरह के दस्तावेज लोड करना हो तो इसी BDC का प्रयोग किया जाता है। ये बैच इनपुट सभी लेनदेनों का अनुकरण करता है।
ये डेटा लोडिंग का पूर्ण कार्य प्रोग्रामर का ही होता है। ये प्रोग्रामर सबसे पहले इस डेटा की बारीकी से जाँच करता है और फिर इन्हे बैच इनपुट प्रोग्राम लिखना होगा ताकि इन डेटा को BDC में बदला जा सके। सैप सॉफ्टवेयर पुरे प्रक्रिया को BDC रेकॉर्डिंग के जरिये पूरा करता है। ये SAP सारा रिकॉर्डिंग का कार्य एक विशेष नियम और चरणबद्ध तरीके से पूरा करता है।
BDC Automotive
ये एक उत्कृस्ट ग्राहक सेवा (CUSTOMER CARE) होती है। आजकल ये हर कंपनी में अनिवार्य रूप से अपनाया जाने लगा है। BDC के प्रतिनिधि ही इस कार्य को बड़ी ही पेशेवर ढंग से पूरा करते है। BDC FULL FORM IN AUTOMOTIVE अर्थात –
B– BUSINESS
D– DEVELOPMENT
C– CENTER
जब किसी कंपनी की डीलरशिप बढ़ने लग जाती है तभी BDC की जरुरत पड़ती है। ये ( BDC ONLINE ) ऑनलाइन या टेलीफोन के माध्यम से ग्राहक तक पहुंचते हैं। इनके कार्यों को आप इस प्रकार समझ सकते है।
- इस सेण्टर पर ग्राहक सम्बन्धी सभी जानकारी मौजूद होती है। ग्राहक की जानकारी को ही सबसे पहले वे अपने सिस्टम में डालते है। ये डेटा बेहद ही महत्वपूर्ण होता है।
- सभी उत्पादों का सठिक विवरण भी इन्ही के पास होता है।
- ये ग्राहकों के साथ ऑनलाइन या टेलीफोन से संपर्क बनाये रखते हैं।
- डीलरशिप से सम्बंधित सभी जानकारी और उनसे जुड़े समस्याओं के समाधान बड़ी सरलता से इनके द्वारा किया जाता है।
- ग्राहक तो उच्च कोटि के सेवाएं प्रदान करना ताकि वे इस कंपनी पर अपना विश्वास कायम रख सके।
अगर BDC की उपयोगिता को देखा जाये तो बेहद ही अनिवार्य अंग की भांति कार्य करता है। हर ग्राहक को ये सही दिशा देकर सेल्स टीम तक पहुँचता है। ग्राहक और बिक्री के बीच कोई समस्या आये तो ये इसे सरलता से सुलझा लेते है।
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BDC COMPANY | BDC FINANCE | BDC INVESTMENTS
ये एक ऐसा संगठन होता है जो संकटग्रस्त कंपनियों को पूंजी देकर मदद करती है। कभी – कभी ये भी देखा जाता है कि किसी भी कंपनी को अपने विकास के पहले चरण में पूंजी की जरुरत होती है ये संगठन इसी जरुरत को पूरा करता है। इसलिए इसे BDC FINANCE के रूप में भी जाना जाता है।
BDC FULL FORM IN COMPANY
B– BUSINESS
D– DEVELOPMENT
C– COMPANY
ये क्लोज-एंड इन्वेस्टमेंट फण्ड की तरह होते हैं। इनमे निवेश करना एक ओर जोखिम भरा होता है पर दूसरी ओर ये बहुत अधिक लाभ भी प्रदान करते हैं। इसके शेयर खुले बाजार में बिक सकते हैं और इसे कोई भी निवेशक खरीद सकता है।
How Does a BDC Work? | बीडीसी कैसे काम करता है?
BDC का प्रमुख कार्य बांड खरीदना और ऋण प्रदान करना है। ये सामान्य व् माद्यम कंपनियों में अपना पैसा लगते हैं जिनसे उन्हें ब्याज की प्राप्ति होती है। ये इन छोटी कम्पनियों के शेयर निवेशकों को भी बेचते हैं। ये उन छोटी कंपनियों के स्टॉक को रखते हैं , धीरे – धीरे जैसे कंपनी विकास करती है वैसे- वैसे इन BDC को भी लाभ प्राप्त होता है। अगर कोई कंपनी डूबती है तो ये अपना पैसा पाने के सबसे पहले हक़दार होते हैं।
BDC Chemistry
BDC को कार्बनिक रसायन विज्ञान का शब्द माना जाता है।
BDC- अर्थात Benzene Diazonium Chloride ( बेन्जेनियाजोनियम क्लोराइड)
सूत्र – [C6H5N2]Cl
- ये पदार्थ रंगहीन होता हैं।
- ये ठोस रूप में पाया जाता है।
- ये एक नमक की भांति है जो डायज़ोनियम केशन और क्लोराइड से युक्त है।
- इसमें पानी में सरलता से घुल जाने की प्रवित्ति होती है।
- इसकी ध्रुवीय सॉल्वैंट्स में भी आसानी से घुल जाने की प्रकृति होती है।
मुझे उम्मीद है कि आपने BDC से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त कर ली होगी। मैंने इस विषय से सम्बंधित जितने आवश्यक तथ्य है, उन सभी को इस अंश में समाहित करने की कोशिस की है। आप आगे भी इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारी इस वेबसाइट पर पाते रहेंगे। कमेंट करके इस अंश के सम्बन्ध में अपने अनुभव हमें जरूर बताएं।